मिरर मीडिया संवाददाता, नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार रात एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) गंभीर श्रेणी में 401 तक पहुंचने के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने ग्रेप-4 के तहत सात सूत्रीय प्रतिबंध लागू कर दिए। इससे पहले दिन में ग्रेप-3 के तहत नौ सूत्रीय प्रतिबंध लागू किए गए थे।
देश के आठ शहरों में हवा की गुणवत्ता खराब
सोमवार को देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रही, जिनमें से छह शहर एनसीआर के थे। दिल्ली ने सबसे अधिक प्रदूषित शहरों की सूची में पहला स्थान हासिल किया। बीते 14 नवंबर को ग्रेप-3 के प्रतिबंध लागू किए गए थे, लेकिन 5 दिसंबर को स्थिति बेहतर होने पर इन्हें हटा लिया गया था। अब दोबारा प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए कड़े कदम उठाए गए हैं।
निर्माण कार्यों और परियोजनाओं पर लगी रोक
एनसीआर में सभी प्रकार के विध्वंस और निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। केवल अस्पताल, रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी परियोजनाओं को छूट दी गई है। सड़क, राष्ट्रीय राजमार्ग, फ्लाईओवर और ओवर ब्रिज जैसी परियोजनाओं पर भी रोक लगाई गई है। निर्माण सामग्री ढोने वाले वाहनों, स्टोन क्रशर मशीनों और खनन गतिविधियों पर भी पाबंदी लगाई गई है।
बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध
दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर जिलों में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल इंजन वाले चार पहिया वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। दिव्यांग व्यक्तियों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है, जो अपनी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के लिए इन वाहनों का उपयोग कर सकते हैं। दिल्ली में बीएस-4 डीजल इंजन वाले मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध रहेगा।
स्कूलों में हाइब्रिड मोड की पढ़ाई अनिवार्य
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, सीएक्यूएम ने निर्देश दिए हैं कि दिल्ली समेत एनसीआर के स्कूलों में कक्षा 9 और 11 तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में कराई जाए। अभिभावक और छात्र ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी विकल्प को चुन सकते हैं।
नियम तोड़ने पर होगी सख्त कार्रवाई
सीएक्यूएम ने संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, 13 दिसंबर को ग्रेप-3 में जोड़े गए नए प्रावधानों का भी पालन करना अनिवार्य होगा।
गौरतलब है कि पहले 14 नवंबर को ग्रेप-3 और 17 नवंबर को ग्रेप-4 के तहत प्रतिबंध लागू किए गए थे। लेकिन 5 दिसंबर को प्रदूषण का स्तर कम होने पर ग्रेप-3 के प्रतिबंध हटा दिए गए थे। अब स्थिति के गंभीर होने पर फिर से कड़े प्रतिबंध लागू करने पड़े हैं।