पर्यावरण बचाव की नई पहल: वित्तीय वर्ष 2025-26 में जमुई में रोपे जाएंगे पांच लाख से अधिक पौधे

KK Sagar
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बिहार सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने सरकारी अतिथि गृह में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए वनों का विस्तार अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अंधाधुंध पेड़ों की कटाई से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है और प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है, जो भविष्य के लिए गंभीर खतरा है। इस पर रोक लगाने के लिए सरकार कड़े कदम उठा रही है।

डॉ. सुनील ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक का भी दायित्व है। इसे ध्यान में रखते हुए जल्द ही “गाछ रोपो मुहिम” की शुरुआत की जाएगी, जिसमें विद्यालयों से लेकर पंचायतों तक सभी को शामिल किया जाएगा। औद्योगिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। सरकार जैव विविधता, जल संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देगी।

जमुई में होगा हरित क्षेत्र का विस्तार

मंत्री ने जानकारी दी कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में जमुई जिले में पाँच लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। शहर के विभिन्न पार्कों का समग्र विकास किया जाएगा, जिससे नागरिकों को मनोरंजन के साथ प्रकृति से जुड़ाव का बेहतर अवसर मिलेगा। भगवान महावीर की जन्मस्थली जन्मस्थान मंदिर को ईको-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे पर्यटकों को जमुई के गौरवशाली इतिहास और समृद्ध विरासत की जानकारी मिलेगी।

इसके अलावा, नागी पक्षी आश्रयणी को पक्षी संरक्षण और शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना है। यहां पक्षी प्रेमियों और विद्यार्थियों को जैव विविधता से जुड़ी जानकारियाँ मिलेंगी और उनका ज्ञानवर्धन होगा। खैरा प्रखंड स्थित पंचभूर झरना को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे न केवल पर्यटक आनंदित होंगे, बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इसके अतिरिक्त, गढ़ी क्षेत्र में एक प्राकृतिक उद्यान का निर्माण किया जाएगा, जो वनस्पति और जैव विविधता संरक्षण में सहायक सिद्ध होगा।

विभाग की उपलब्धियाँ और भविष्य की योजनाएँ

डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में जमुई जिले में हरित क्षेत्र के विस्तार के लिए नौ लाख से अधिक पौधे रोपे गए। ईको-पर्यटन के तहत शिवनंदन स्मृति पार्क और नागी-नकटी जलाशय का उन्नयन किया गया। अब इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है और इसे “रामसर साइट” के रूप में घोषित किया गया है।

इसके अलावा, जमुई स्थित चिल्ड्रन पार्क का भी उचित उन्नयन किया गया, जिससे यह प्राकृतिक सौंदर्य, हरियाली और शांत वातावरण के कारण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। जल संरक्षण के क्षेत्र में सरकार ने जमुई जिले में 1800 हेक्टेयर भूमि पर प्रभावी कार्य किया है, जिससे भू-जल स्तर में सुधार की संभावना है। यहां गारलैंड ट्रेंच का निर्माण भी कराया गया है, जिससे मृदा संरक्षण, जल संचयन और वन क्षेत्र की हरियाली को बढ़ावा मिलेगा।

मंत्री ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर जनसहभागिता की आवश्यकता पर बल देते हुए नागरिकों से सकारात्मक सहयोग की अपील की।

बैठक में गणमान्य लोग रहे मौजूद

इस अवसर पर जमुई की विधायक श्रेयसी सिंह, प्रफुल्ल कुमार मांझी, जिला वन अधिकारी तेजस जायसवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष कन्हैया कुमार सिंह, तथा कई अन्य विभागीय अधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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