मिरर मीडिया : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की टीम ने शुक्रवार को ईसीएल, मुगमा की गोपीनाथपुर कोलियरी की जाँच की। अवैध उत्खनन के दौरान जिस स्थान पर घटना घटी थी, उसके आसपास एवं अन्य स्थलों की मापी ली। टीम के सदस्यों ने गोपीनाथपुर कोलियरी ओसीपी से पुसोई नदी की दूरी की मापी ली। अवैध उत्खनन स्थलों को तत्काल भरने को कहा। हालांकि ईसीएल की टीम अवैध उत्खनन स्थलों की हमेशा भराई करवाते रहने की बात कहीं परंतु टीम में शामिल सदस्य ईसीएल प्रबंधन के इस तर्क से सहमत नहीं दिखे।
टीम में शामिल सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि एक दिन में 20 से 25 अवैध मुहाने नहीं खुले होंगे। निश्चित रूप से इसमें पहले से अवैध उत्खनन का काम जारी था परंतु रोकथाम के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए गए। टीम का नेतृत्व राजीव रंजन कर रहे थे। हालांकि पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया, राजीव रंजन ने सिर्फ इतना कहा कि एनजीटी के निर्देश पर अवैध उत्खनन के दौरान हुए हादसे की जांच की जा रही है।
बता दें कि जनवरी माह के अंत में गोपीनाथपुर कोलियरी ओसीपी में अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से कई लोगों की मौत की बातें सामने आई थी। कई शव को मृतक के परिजन एवं कोयला चोर लेकर भागने में सफल रहे है। प्रशासन के दबाव पर गिरे मलबे को हटाने पर पांच शव मलबे से बरामद हुए थे। जांच टीम ने गोपीनाथपुर कोलियरी ओसीपी में अवैध खनन के दौरान जिस स्थान पर मलबा गिरा था तथा जिसमें दबकर कई मजदूरों की मौत हुई थी, वहां से पुसोई नदी की दूरी की भी मापी की। पुसोई नदी से गोपीनाथपुर कोलियरी ओसीपी की दूरी कहीं 12 मीटर तो कहीं 11 मीटर पाई गई. इस दौरान डीजीएमएस के अधिकारियों ने टीम को बताया कि नियमतः नदी से कम से कम 15 मीटर की दूरी पर ही खदान का संचालन किया जाना चाहिए।
निरीक्षण में उप विकास आयुक्त शशी प्रकाश सिंह, ग्रामीण एसपी रेशमा रमेशन ,जिला खनन पदाधिकारी मिहिर सालकर एवं खान ईंस्पेक्टर राहुल कुमार भी शामिल थे