गोड्डा से भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पर तीखा हमला बोला है। अपने सोशल मीडिया अकाउंट X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए उन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद तत्कालीन यूपीए सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
दुबे ने कहा कि “मुंबई में पाकिस्तान ने हमला 26 नवंबर 2008 को किया था, जिसमें 180 लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हुए थे। उस वक्त चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी और सरकार ने अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान से बातचीत शुरू कर दी।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी सरकार से जुड़े चार बिंदुओं पर सवाल उठाए:
- क्या दिसंबर 2008 में ही अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान से बातचीत शुरू नहीं हुई थी? दुबे ने दावा किया कि यह बात खुद मनमोहन सिंह ने लोकसभा में स्वीकार की थी।
- क्या जनवरी 2009 में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की बैठक नहीं हुई थी?
- क्या जून 2009 में रूस में तीसरे देश की मध्यस्थता से तत्कालीन राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात नहीं हुई थी?
- क्या जुलाई 2009 में अमेरिकी दबाव में शरम अल-शेख (मिश्र) में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रज़ा गिलानी के साथ समझौता नहीं हुआ था?
दुबे का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकी हमलों और पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर एक बार फिर राजनीतिक बहस तेज हो रही है।
https://x.com/nishikant_dubey/status/1928258097081929805?t=wmrS_DUFenOq8a7ObVsU9w&s=19
भाजपा सांसद के इस हमले पर अब तक कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, कांग्रेस कई बार 26/11 हमलों के दौरान अपनी कार्रवाई को “रणनीतिक संयम और वैश्विक समर्थन प्राप्त करने की नीति” करार दे चुकी है।