भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने कार्यकाल की आखिरी मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में एक बार फिर रेपो रेट में किसी बदलाव की घोषणा नहीं की। तीन दिन चली इस बैठक के बाद शुक्रवार को गवर्नर दास ने फैसलों को जनता के सामने रखा। लगातार 11वीं बार रेपो रेट 6.50% पर स्थिर रखा गया है।
रेपो रेट और एमएसएफ दर स्थिर
रेपो रेट 6.50% पर बरकरार रखने का निर्णय MPC के 6 में से 4 सदस्यों ने समर्थन किया। साथ ही, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) की दर भी 6.75% पर स्थिर रखी गई है। गवर्नर दास ने महंगाई पर नियंत्रण को प्राथमिकता देते हुए इस दिशा में कोई ढील नहीं दी।
आम आदमी को राहत नहीं
रेपो रेट में बदलाव न होने का सीधा मतलब है कि बैंकों से मिलने वाले कर्ज पर ब्याज दरों में कोई कमी नहीं आएगी। इसके चलते होम लोन और अन्य कर्जों की ईएमआई में कोई राहत नहीं मिलेगी।
विकास दर और सीआरआर पर चर्चा
हाल ही में जारी विकास दर के आंकड़ों को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही थी कि आरबीआई इस बार कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में कटौती कर सकता है। लेकिन गवर्नर दास ने इसमें भी कोई बदलाव नहीं किया।
महंगाई पर सख्ती
गवर्नर दास ने महंगाई पर काबू पाने को आरबीआई की प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी महंगाई पर सख्त नजर रखी जाएगी और जरूरत पड़ने पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।