मेरे गाँव में शौचालय नहीं, गलियाँ भी टूटी हैं” — चौपाल से उठी महिलाओं की बुलंद आवाज, विकास की रखी मजबूत मांग

KK Sagar
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जमुई: जिले भर में चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम के तहत गांव-गांव से महिलाओं की मजबूत और स्पष्ट आवाज़ें उठ रही हैं। महिलाएं खुलकर अपने गाँव की समस्याओं को सामने रख रही हैं, जिनमें शौचालय का अभाव, जर्जर गलियां, उच्च शिक्षा व पुस्तकालय की कमी, योग्य शिक्षकों व चिकित्सकों का अभाव, विवाह भवन की आवश्यकता, छात्रवृत्ति एवं पोशाक राशि में वृद्धि, सामुदायिक भवन, जीविका भवन और कम ब्याज पर बैंक ऋण जैसी कई महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।

संवाद कार्यक्रम ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं में नई उम्मीदों का संचार किया है। महिलाएं अब बिना किसी झिझक के संगठित होकर सामूहिक रूप से अपने हक और ज़रूरतों की बातें रख रही हैं। 13 दिनों में जिले के 10 प्रखंडों के अंतर्गत जीविका द्वारा संचालित 1245 ग्राम संगठनों में से 275 ग्राम संगठनों में यह कार्यक्रम आयोजित हो चुका है, जिसमें अब तक 50,000 से अधिक महिलाएं भाग ले चुकी हैं।

जिला पदाधिकारी के निर्देश पर सभी प्रखंडों में नामित कर्मी कार्यक्रम में भाग लेकर महिलाओं को योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं।

इसी कड़ी में 30 अप्रैल को बरहट प्रखंड के बरहट गांव में जय हनुमान ग्राम संगठन द्वारा आयोजित महिला संवाद में प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रवण कुमार ठाकुर उपस्थित हुए। उन्होंने महिलाओं की बातों को ध्यान से सुना और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर बीपीआरओ, बीपीएम, स्वास्थ्य व पोषण प्रबंधक, और कृषि के युवा पेशेवर भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम में महिलाओं के बीच राज्य सरकार की योजनाओं से संबंधित सूचनात्मक लीफलेट और मुख्यमंत्री का संदेश पत्र वितरित किया गया। दो घंटे चले संवाद में योजनाओं से जुड़ी जानकारियों को वीडियो के माध्यम से भी प्रस्तुत किया गया।

लक्ष्मीपुर प्रखंड के पिडरौन पंचायत के हारचक गांव में हुए संवाद में जिला परियोजना प्रबंधक संजय कुमार शामिल हुए और महिलाओं को योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।

कार्यक्रमों में महिलाएं आत्मविश्वास से अपनी समस्याएं और आकांक्षाएं साझा कर रही हैं। रोजगार व स्वरोजगार के लिए आरसेटी प्रशिक्षण केंद्र प्रखंड स्तर पर स्थापित करने की मांग भी प्रमुख रूप से सामने आ रही है।

सतत जीविकोपार्जन योजना की लाभार्थी गुंजन देवी ने अपनी प्रेरणादायक कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि जीविका से जुड़ने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। आज वह किराना दुकान के साथ-साथ ई-रिक्शा की भी मालकिन हैं।

चकाई प्रखंड के पोझा पंचायत में महिलाओं ने ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र की मांग की, ताकि उनकी बेटियां आत्मनिर्भर बन सकें।

गिद्धौर प्रखंड के गंगारा पंचायत के धनिया ठेका गांव में संवाद के दौरान सोनिया देवी ने सुझाव दिया कि सतत जीविकोपार्जन योजना की चयन प्रक्रिया को अन्य योजनाओं में भी अपनाया जाए, जिससे लाभुकों तक पूरी सहायता पहुंच सके।

महिला संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी देना और उनके गाँव की समस्याओं को चिन्हित कर उनका समाधान सुनिश्चित कराना है। महिलाओं की समस्याएं और सुझाव एप में दर्ज कर संबंधित विभागों को भेजे जा रहे हैं

जीविका की जिला एवं प्रखंड स्तरीय टीमें लगातार गांवों का दौरा कर महिलाओं को जागरूक करने का कार्य कर रही हैं। यह कार्यक्रम 14 जून तक जिले के हर कोने में चलाया जाएगा, जिसमें हर दिन 22 गांवों में संवाद आयोजित हो रहा है।

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