मिरर मीडिया : अक्सर किसी मॉल या शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में खरीदारी के बाद बिलिंग करते समय आपसे मोबाइल नंबर मांगा जाता है। और असमंजस की स्थिति में आपको देना पड़ता है। पर अब ऐसा नहीं है। ग्राहकों की शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने संज्ञान लिया है और इसके लिए एडवाइजरी जारी की है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने खुदरा विक्रेताओं को कुछ सर्विस देने के लिए ग्राहकों की पर्सनल डिटेल या मोबाइल नंबर लेने पर जोर नहीं देने का आदेश दिया है। ग्राहकों की शिकायतें मिलने के बाद यह एडवाइजरी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि ग्राहकों ने कई खुदरा विक्रेताओं के बारे में शिकायत की है कि अगर वे अपना मोबाइल नंबर शेयर करने इंकार करते हैं तो उन्हें सर्विस नहीं दी जातीं।
उपभोक्ता मामलों के सचिव ने कहा कि ‘विक्रेताओं का कहना है कि जब तक पर्सनल नंबर नहीं दिया जाता तब तक वे बिल नहीं बना पाते। यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत अनुचित और प्रतिबंधात्मक व्यापार प्रथा है। जानकारी एकत्र करने के पीछे कोई तर्क नहीं है.’ उन्होंने कहा कि गोपनीयता की चिंता है। इसलिए, ग्राहकों के हित में इस मुद्दे को सुलझाने के लिए खुदरा उद्योग और उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) एवं फिक्की (FICCI) को एक परामर्श जारी किया गया है।
देश में ग्राहकों के लिए बिल बनवाने के लिए खुदरा विक्रेताओं को अपना मोबाइल नंबर देना जरूरी नहीं है। हालांकि, खुदरा विक्रेताओं द्वारा लेन-देन पूरा करने के लिए एक नंबर पर जोर देने से ग्राहकों को एक अजीब स्थिति में डाल दिया जाता है। अधिकांश समय, ग्राहकों को इनमें से कई स्थितियों में इससे बचने का विकल्प नहीं दिया जाता है।