अब वक्फ पर नहीं चलेगा मनमाना हक़, आएगा नियमों का राज : महिलाओं से लेकर ट्रस्टों तक हर पहलू में सुधार, पढ़े पूरी खबर….

KK Sagar
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भारत सरकार द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में एक नया युग लाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल है। यह संशोधन वक्फ संपत्तियों से जुड़े लम्बे समय से चले आ रहे विवादों, पारदर्शिता की कमी, महिलाओं के अधिकारों की उपेक्षा और प्रशासनिक अनियमितताओं को दूर करने की कोशिश करता है।

प्रमुख प्रावधान और सुधार

  1. महिलाओं के अधिकार सुनिश्चित

पारिवारिक वक्फ संपत्तियों में महिलाओं को उनकी वैध विरासत का अधिकार मिलेगा। विधवा, तलाकशुदा और अनाथ महिलाओं को विशेष संरक्षण मिलेगा।

  1. वार्षिक योगदान में कमी

वक्फ संस्थाओं द्वारा वक्फ बोर्ड को दिया जाने वाला योगदान 7% से घटाकर 5% कर दिया गया है।

  1. वक्फ घोषित करने की पात्रता सख्त

अब केवल ऐसे मुसलमान, जो कम से कम पाँच वर्षों से धार्मिक रूप से अभ्यासरत हैं, ही वक्फ बना सकेंगे।

  1. विवादित वक्फ संपत्तियों पर रोक

ऐसी संपत्तियाँ जो विवादित हों, कोर्ट में विचाराधीन हों या सरकारी भूमि के रूप में दर्ज हों, उन्हें वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा।

  1. वक्फ न्यायाधिकरणों को सशक्त बनाना

नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी और कार्यकाल सुनिश्चित करने हेतु संशोधन किया गया है।

  1. गैर-मुस्लिम प्रतिनिधित्व

केंद्रीय और राज्य वक्फ बोर्डों में अब दो गैर-मुस्लिम सदस्य भी होंगे।

  1. सरकारी भूमि पर दावा सीमित

अब वक्फ के दावे वाली सरकारी भूमि की पुष्टि कलेक्टर से ऊपर के अधिकारी द्वारा होगी।

  1. धारा 40 का हटाया जाना

मनमाने ढंग से किसी संपत्ति को वक्फ घोषित करने की प्रक्रिया समाप्त की गई है।

  1. परिसीमा अधिनियम का उपयोग

अब वक्फ संपत्ति से जुड़े मुकदमों पर परिसीमा अधिनियम, 1963 लागू होगा, जिससे लंबी चलने वाली मुकदमेबाज़ी पर अंकुश लगेगा।

  1. वार्षिक लेखा परीक्षा अनिवार्य

1 लाख रुपये से अधिक कमाने वाली वक्फ संस्थाओं के खातों की लेखा परीक्षा राज्य सरकार द्वारा नियुक्त लेखा परीक्षकों से कराना अनिवार्य होगा।

  1. वक्फ से ट्रस्टों का पृथक्करण

मुसलमानों द्वारा कानून के अंतर्गत बनाए गए ट्रस्ट अब वक्फ नहीं माने जाएंगे, जिससे उन पर वक्फ बोर्ड का नियंत्रण नहीं रहेगा और उनकी स्वतंत्रता सुनिश्चित होगी।

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उत्कृष्ट, निष्पक्ष, पारदर्शिता और ईमानदारी - पत्रकारिता की पहचान है k k sagar....✍️....