डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : शहर में आवारा सांडों, पशुओं और कुत्तों की बढ़ती संख्या से उत्पन्न सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था की चिंताओं को देखते हुए, जिला प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम के निर्देश पर, इन पशुओं की पहचान और सुरक्षित पकड़ने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है।
10 सदस्यीय विशेष टीम का गठन
इस महत्वपूर्ण अभियान के प्रभावी संचालन के लिए जिला पशुपालन पदाधिकारी की अध्यक्षता में दस सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया गया है। इस टीम को वैज्ञानिक और मानवीय तरीकों का उपयोग करते हुए आवारा पशुओं की पहचान, सर्वेक्षण और सुरक्षित परिवहन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सुरक्षित तरीके से पकड़ने की योजना
अभियान के दौरान, आवारा सांडों को ‘ट्रैंक्विलाइज’ (सुरक्षित रूप से बेहोश करके) पकड़ा जाएगा। यह तरीका शहरवासियों के साथ-साथ पशुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा। पकड़े गए सभी सांडों को तुरंत गौशाला भेजा जाएगा, जहां उनकी उचित देखभाल की जाएगी और आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
पशु कल्याण मानकों का पालन अनिवार्य
विशेष टीम को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे संपूर्ण अभियान के दौरान पशु कल्याण के निर्धारित मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। मानवीय तरीके से पशुओं को पकड़ना और उनका परिवहन करना अनिवार्य होगा। जिला प्रशासन का कहना है कि यह पहल सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम, शहरी स्वच्छता में सुधार और शहर की पशु प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

