डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: झारखंड बोर्ड द्वारा आयोजित 10वीं की परीक्षा में पेपर लीक के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस घटना ने बच्चों के बीच तनावपूर्ण माहौल उत्पन्न कर दिया है।
अब यह केवल एक शिक्षा से जुड़ा मुद्दा नहीं रह गया, बल्कि इसने परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को भी सवालों के घेरे में डाल दिया है। बच्चों के मन में डर और असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
सियासत गरमाई: नेताओं की प्रतिक्रिया
पेपर लीक मामले को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। राज्य सरकार के खिलाफ विभिन्न नेताओं की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
शनिवार को, JLKM के प्रमुख टाइगर जयराम महतो ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह पूरी घटना माफिया जगत के पैसे कमाने के लालच का परिणाम है।
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पेपर लीक मामले पर सरकार पर भड़के जयराम महतो, निष्पक्ष जांच की मांग
टाइगर जयराम महतो की मांग: निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई
टाइगर जयराम महतो ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि माफिया के लोग अब इतने अंधे हो गए हैं कि झारखंड में नर्सरी की परीक्षा भी लीक हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि माफियाओं को राज्य सरकार का संरक्षण मिल रहा है, जिसके कारण इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने सरकार से निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
प्रशांत कुमार साव की गिरफ्तारी: माफिया के नेटवर्क का खुलासा
इस मामले में प्रशासन ने कोडरमा जिले से स्कूल-कोचिंग संचालक प्रशांत कुमार साव को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, दो छात्रों को भी हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस के अनुसार, प्रशांत ने बताया कि उसे मरकच्चो निवासी प्रिंस राणा नामक छात्र ने प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया था। प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और दोषियों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया जारी है।
सरकार की कार्रवाई: दोषियों के खिलाफ सख्त कदम
सरकार मामले की गंभीरता को समझते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। हालांकि, यह सवाल अभी भी उठ रहा है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए परीक्षा प्रणाली में किस प्रकार के सुधार किए जाएंगे।