ओम बिरला लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बने है। इसी के साथ ओम बिरला के नाम एक नया रिकॉर्ड जुड़ गया है। वे देश के दूसरे ऐसे नेता बन गए हैं जो लगातार पांच साल स्पीकर रहने के बाद दूसरी बार स्पीकर बने हैं।
इधर लोकसभा स्पीकर पद संभालते ही ओम बिरला ने आपातकाल और इंदिरा गांधी का जिक्र किया जिससे सदन में हंगामा मच गया। विपक्षी सांसदों ने इसे लेकर लोकसभा में जमकर हंगामा किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष के विरोध के बीच सदन में आपातकाल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आपातकाल में नागरिकों के अधिकारों का हनन हुआ था। 1975 में देश पर आपातकाल थोपा गया था। आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय है, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया और संविधान पर हमला किया।
बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 1975 में कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल की लोकसभा में निंदा करते हुए बुधवार को एक प्रस्ताव पढ़ा और कहा कि वह कालखंड काले अध्याय के रूप में दर्ज है जब देश में तानाशाही थोप दी गई थी, लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया था और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंट दिया गया था। इस दौरान सदन में कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया और नारेबाजी की। आपातकाल पर एक प्रस्ताव पढ़ते हुए बिरला ने कहा कि अब हम सभी आपातकाल के दौरान कांग्रेस की तानाशाही सरकार के हाथों अपनी जान गंवाने वाले नागरिकों की स्मृति में मौन रखते हैं।