मिरर मीडिया संवाददाता, रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री आवासीय परिसर में नए मुख्यमंत्री आवास के निर्माण का विधिवत शिलान्यास किया। इस मौके पर उनकी पत्नी और गांडेय की विधायक कल्पना सोरेन भी उनके साथ मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री दंपति ने वैदिक मंत्रोच्चारण और पूजा-अर्चना के साथ शुभ कार्य की शुरुआत की।
नया मुख्यमंत्री आवास आधुनिक सुविधाओं और उच्चतम सुरक्षा मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा। भवन निर्माण के लिए नया डीपीआर तैयार हो चुका है और अब निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत की जा रही है।
गौरतलब है कि इस पुराने मुख्यमंत्री आवास को लेकर वर्षों से कई तरह की मिथकें प्रचलित रही हैं। इसे “कैफोर्ड हाउस” भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस आवास में जो भी मुख्यमंत्री रहा, वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। इसी कारण इसे ‘अशुभ’ माना जाने लगा। ऐतिहासिक रूप से यह भवन 1853 में बंगाल के लेफ्टिनेंट गवर्नर के प्रिंसिपल एजेंट एलियन द्वारा शुरू किया गया था, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही उनका तबादला हो गया। इसके बाद कैफोर्ड ने कमिश्नर के रूप में पदभार संभाला और भवन निर्माण पूर्ण हुआ। तभी से यह भवन ‘कैफोर्ड हाउस’ के नाम से जाना जाने लगा।
झारखंड गठन के बाद भी यह आवास अस्थायी सरकारों और बदलते मुख्यमंत्रियों का गवाह रहा है। 2014 में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मिथक को तोड़ने का प्रयास किया था और कहा था कि वे अंधविश्वास में विश्वास नहीं रखते, हालांकि उन्होंने भवन में वास्तु से जुड़े कुछ बदलाव जरूर कराए थे।
अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इस आवास को नए सिरे से आधुनिक रूप में तैयार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, नए भवन में हेलिपैड, अत्याधुनिक कॉन्फ्रेंस हॉल, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। यह भवन आने वाले समय में झारखंड सरकार की कार्यशैली का नया प्रतीक बनेगा।