गुरबाणी की रसधारा और लंगर की सुगंध से महका धनबाद, मना पहला प्रकाश पर्व
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का 421वां पहला प्रकाश पर्व रविवार, 24 अगस्त 2025 को धनबाद के बड़ा गुरूद्वारा में बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। गौरतलब है कि पहला प्रकाश पर्व 1 सितंबर 1604 को अमृतसर स्थित श्री हरमंदिर साहिब में हुआ था, जब पांचवें गुरु, श्री गुरु अर्जन देव जी ने आदि ग्रंथ (श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी) की स्थापना की थी। तभी से यह दिन आस्था, आध्यात्मिकता और मानवता के लिए विशेष महत्व रखता है।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़
सुबह से ही गुरूद्वारा परिसर श्रद्धालुओं की भीड़ से गूंज उठा। सैकड़ों लोग नतमस्तक होकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के दर्शन व आशीर्वाद लेने पहुंचे। बड़ा गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के संयुक्त सचिव शहबाज सिंह ने बताया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब विश्व का ऐसा अद्वितीय धार्मिक ग्रंथ है, जो पूरी मानवता को एकता के सूत्र में बांधता है और समानता, भाईचारे व सद्भाव का संदेश देता है।
शबद-कीर्तन की गूंज

इस पावन अवसर पर कीर्तन का विशेष आयोजन किया गया। लोकल कीर्तनी जत्थे, मटकुरिया स्त्री सत्संग, जोड़ाफाटक स्त्री सत्संग, बड़ा गुरूद्वारा स्त्री सत्संग, धोवाटांड संगत, हरजस कीर्तननो तथा सिंदरी से आईं गुरप्रीत कौर ने भावपूर्ण शबद-कीर्तन प्रस्तुत किया। सभी कीर्तनकारों को कमेटी की ओर से सरोपा और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
बच्चों की भागीदारी
इस अवसर पर 10 अगस्त को आयोजित शुद्ध गुरबाणी पाठ प्रतियोगिता में शामिल बच्चों को भी इनाम प्रदान किए गए। बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था और यह उनके लिए प्रेरणादायक क्षण साबित हुआ।
गुरु का लंगर









दीवान की समाप्ति के बाद श्रद्धालुओं ने गुरु का लंगर छका। सैकड़ों लोग एक साथ बैठकर लंगर का प्रसाद ग्रहण करते हुए भाईचारे और समानता का संदेश जीते नजर आए।
कमेटी और सहयोगी दल की उपस्थिति
कार्यक्रम को सफल बनाने में बड़ा गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की पूरी टीम सक्रिय रही। इसमें कमेटी के प्रधान सरदार गुरु चरण सिंह माझा, सेक्रेटरी मनजीत सिंह, दिलजॉन सिंह ग्रेवाल, मनजीत सिंह सलूजा, संयुक्त सचिव शहबाज सिंह, राजेंद्र सिंह, सतपाल सिंह बेरोका समेत कई पदाधिकारी उपस्थित थे। इसके अलावा गुरु गोविंद सिंह स्टडी सर्किल के सदस्य भी कार्यक्रम में सहयोगी भूमिका निभाते नजर आए।
श्रद्धा और भक्ति का उत्सव
हर साल की तरह इस वर्ष भी पहला प्रकाश पर्व पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। धनबाद सहित आसपास के क्षेत्रों से पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बने और गुरबाणी की अमृतमय धारा में सराबोर होकर दिन को यादगार बनाया।