नई दिल्ली। शारदीय नवरात्रि 2025 इस बार विशेष है क्योंकि तृतीया तिथि दो दिन पड़ने से नवरात्रि कुल 10 दिनों की होगी। इसी कारण शुक्रवार, 26 सितंबर को नवरात्रि का पांचवां दिन होने के बावजूद भक्त मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
🌸 मां कूष्मांडा का महत्व
मां कूष्मांडा को सृष्टि की आरंभकर्ता और सृष्टिकर्ता माना जाता है।
पौराणिक मान्यता है कि उनकी दिव्य मुस्कान से ही ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई।
मां को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है, जिनके हाथों में विविध शस्त्र और अमृत से भरा कलश होता है।
भक्त इस दिन मां की पूजा कर सुख, समृद्धि, उत्तम स्वास्थ्य और परिवार में खुशहाली की प्रार्थना करते हैं।
🕉️ विशेष मंत्र
भक्त इस दिन श्रद्धापूर्वक मां के मंत्र का जाप कर रहे हैं—
“ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥”
माना जाता है कि इस मंत्र का जप करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
🍮 प्रिय भोग
मां कूष्मांडा को मालपुए और मीठा भोग विशेष प्रिय है। नवरात्रि के पांचवें दिन भक्त बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ यह भोग अर्पित कर मां का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।
🙏 पूजा का फल
मां कूष्मांडा की साधना से नवग्रहों की पीड़ा शांत होती है।
घर में सकारात्मक ऊर्जा और संपन्नता का वास होता है।
भक्तों को दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।