गुरुवार को एसडीएम आवास के समीप फिर सजी थी बालू की मंडी, 240 सीएफटी बालू सहित तीन वाहन पकड़ाए

KK Sagar
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Dhanbad में अवैध बालू के कारोबार पर लगाम लगाने को लेकर लगातार जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है बावजूद बालू माफिया पर प्रशासन के मंसूबे पर पानी फिरते हुए धड़ल्ले से कारोबार सजा रहे हैं एक दिन पूर्व एसडीएम आवास के समीप विवेकानंद चौक के पास से एसडीएम ने 5 अवैध बालू लदे वाहन को पकड़ा था और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि किसी भी हालत में बालू के अवैध कारोबार चलने नहीं दिया जाएगा बावजूद बालू तस्करों का मनोबल इस कदर बढ़ा हुआ है कि पुनः गुरुवार को फिर एसडीएम आवास के समीप विवेकानंद चौक और पार्क मार्केट इलाकों में बालू लदी गाड़ियां बिक्री को आकर खड़ी हो गई। हालांकि जैसे ही इसकी सूचना एसडीम को मिली उन्होंने तुरंत खनन विभाग सभी बालू लदे वाहन को जप्त करने के निर्देश दिए इसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए खनन विभाग ने तीन अवैध बालू लदे टाटा 407 को जप्त किया जिस पर करीब 240 सीएफटी बालू लदे थे।

जांच दल को देखते ही वाहनों के चालक मौके से हुए फरार

खनन विभाग द्वारा कार्रवाई से बालू तस्करों में हड़कंप मच गई और जांच दल को देखते ही वाहनों के चालक मौके का फायदा उठाकर वाहनों को छोड़कर फरार हो गये जिसके बाद तीन वाहनों को पकड़ा गया और धनबाद थाना के सुपुर्द कर सभी वाहन चालक और मालिकों पर खनिज संपदा की चोरी से संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। जब्त टाटा 407 संख्या BR17 G 2717 तथा एक अन्य टाटा 407 (जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर मिटा दिया गया है) पर लगभग 100 – 100 CFT अवैध बालू और  एक टाटा 407 संख्या JH 10 U4226 पर लगभग 40 घनफीट अवैध बालू लदा था।

किसके सह पर दोबारा सजी बालू की मंडी

अब सवाल यह उठता है कि जब एक दिन पूर्व मंगलवार को एसडीएम द्वारा अवैध बालू के कारोबार पर कार्रवाई करते हुए 5 वाहन पकड़े गए थे तो फिर किसकी शह पर दोबारा एसडीएम के आवास के समीप बालू की बिक्री हो रही थी ? आखिर संबंधित विभाग के अधिकारी क्यों नहीं पूरी तरह निगरानी कर रहे हैं ?

जब एनजीटी प्रभावी है तो अवैध बालू का उठाव किसके इशारे पर किया जा रहा है और शहर में अवैध तरीके से बालू के परिवहन और बिक्री पर रोक क्यों नहीं लग पा रही है। रोजाना सैकड़ो टाटा 407 अवैध बालू लेकर शहर में प्रवेश करते हैं और हीरापुर के अलग-अलग क्षेत्र में बालू की धड़ल्ले से बिक्री करते हैं अधिकारियों के नाक के नीचे यह सब होता है बावजूद कार्रवाई नहीं होने से बालू तस्करों का मनोबल चरम पर है।

क्या यह कार्रवाई महज दिखावा है या फिर इस पर अंकुश लगाने को लेकर कुछ पहल भी की जाएगी। चुकी बिना अधिकारियों के मिलीभगत से शहर में अवैध तरीके से बालू का प्रवेश होना समझ से परे है एक दो दिनों की कार्रवाई से अवैध बालू के कारोबार पर अंकुश लग पाना संभव नहीं है अंकुश लगाने को लेकर लगातार जांच अभियान की जरूरत है तभी अवैध बालू के उठाव पर रोक लग पाएगी और आम लोगों की कट रही जेब को राहत मिल पाएगी।

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