देश में एक बार फिर प्याज की कीमतें आसमान छू सकती हैं। महाराष्ट्र से आई ताजा खबरों ने चिंता बढ़ा दी है। राज्य के कई जिलों में हाल ही में हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की प्याज की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। इसके चलते अगले कुछ हफ्तों में प्याज की कीमतों में तेज़ बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है।
बारिश ने बर्बाद कर दी फसल
महाराष्ट्र के नासिक, जलगांव, धुले, पुणे, बीड, सोलापुर और जालना जिलों में हजारों टन प्याज की फसल कटाई के बाद बारिश की चपेट में आ गई। खेतों और गोदामों में रखा प्याज सड़ गया है। प्याज उत्पादक किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
इन जिलों को देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक क्षेत्र माना जाता है, जहां से पूरे भारत में प्याज की आपूर्ति होती है। फसल के इस तरह से नष्ट हो जाने से बाजार में प्याज की उपलब्धता कम हो सकती है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।
किसानों ने मांगा मुआवजा और सब्सिडी
महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संगठन ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर प्रति एकड़ ₹1 लाख मुआवजा देने की मांग की है। इसके साथ ही संगठन ने यह भी मांग की है कि जिन किसानों की फसल बारिश के कारण कटाई के बाद खराब हुई है, उन्हें ₹2,000 प्रति क्विंटल की सब्सिडी दी जाए।
संगठन ने यह भी अपील की है कि केंद्र सरकार की एजेंसी नेफेड (NAFED) पारदर्शी तरीके से प्याज की खरीद करे, ताकि किसानों को उचित दाम मिल सके।
बाजार में कीमतें बढ़ने की आशंका
फसल के नुकसान के कारण थोक बाजारों में प्याज की आपूर्ति घट सकती है। जानकारों का कहना है कि यदि जल्द हालात नहीं सुधरे, तो प्याज की खुदरा कीमतें ₹40 से ₹60 प्रति किलो तक पहुंच सकती हैं, और त्योहारों के मौसम में यह ₹80 तक भी जा सकती हैं। इससे आम जनता की रसोई का बजट गड़बड़ा सकता है।
सरकार की नजर, राहत की उम्मीद
राज्य सरकार ने हालात की गंभीरता को देखते हुए सर्वे शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय से संकेत मिले हैं कि किसानों को जल्द राहत देने के लिए निर्णय लिया जाएगा। वहीं केंद्र सरकार भी स्थिति पर नज़र बनाए हुए है और आवश्यक स्टॉक तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।