डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष ने मंगलवार को राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए नोटिस दिया। यह नोटिस राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को सौंपा गया है। विपक्ष का आरोप है कि सभापति धनखड़ सदन में पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहे हैं। इस नोटिस पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों के करीब 60 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं।
विपक्षी एकता: कई दल आए साथ
कांग्रेस को इस प्रस्ताव के लिए आरजेडी, टीएमसी, सीपीआई, सीपीआई (एम), जेएमएम, आम आदमी पार्टी और डीएमके जैसे दलों का समर्थन मिला है। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने विशेष रूप से सभापति पर पक्षपात के आरोप लगाते हुए कहा कि यह लोकतंत्र और निष्पक्षता के लिए खतरनाक है।
अविश्वास प्रस्ताव का संवैधानिक प्रावधान
संविधान के अनुच्छेद 67(बी) के तहत राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि प्रस्ताव को सदन के तत्कालीन बहुमत और लोकसभा की सहमति प्राप्त हो। हालांकि, इसके लिए कम से कम 14 दिन पहले नोटिस देना जरूरी है।
पहले भी हुई थी योजना
गौरतलब है कि इससे पहले अगस्त महीने में भी कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बनाई थी, लेकिन किसी कारणवश इसे टाल दिया गया था। अब, नए सिरे से इस मुद्दे को उठाते हुए विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए नोटिस सौंपा है।
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