सीमा के निकट सौर ऊर्जा परियोजना पर विपक्ष का हंगामा,कांग्रेस ने सदन से किया वॉकआउट

Anupam Kumar
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डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: लोकसभा में गुरुवार को भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट एक निजी कंपनी की सौर ऊर्जा परियोजना को मंजूरी देने के मुद्दे पर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने विरोध जताया। कांग्रेस सांसदों ने सरकार पर सेना की आपत्ति के बावजूद इस परियोजना को हरी झंडी देने का आरोप लगाया और सदन से वॉकआउट कर दिया।

सदन में विपक्ष का हंगामा, वेल में नारेबाजी

विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन के वेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस सांसदों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर इतनी संवेदनशील परियोजना को अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब मंजूरी देना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सेना ने इस परियोजना पर आपत्ति जताई थी, तो इसे आगे क्यों बढ़ाया गया?

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ऊर्जा मंत्री का जवाब, विपक्ष असंतुष्ट

विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय अक्षय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जवाब देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य की सभी एजेंसियों से आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद ही इस परियोजना को स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी सुरक्षा मानकों का पालन करती है और बिना उचित प्रक्रिया के कोई भी परियोजना स्वीकृत नहीं की जाती।

हालांकि, कांग्रेस और द्रमुक सहित अन्य विपक्षी दलों ने मंत्री के जवाब को असंतोषजनक बताया और विरोध जारी रखा।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने उठाए सवाल

प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा में संतुलन बनाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात के खावड़ा में स्थापित की जा रही अदाणी समूह की मिश्रित सौर ऊर्जा परियोजना सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रही है।

तिवारी ने दावा किया कि यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से महज एक किलोमीटर की दूरी तक फैली हुई है, जबकि सुरक्षा मानकों के अनुसार ऐसी बुनियादी ढांचागत परियोजनाएं सीमा से कम से कम 10 किलोमीटर दूर होनी चाहिए।

गौरव गोगोई का सरकार पर हमला, विपक्ष का वॉकआउट

कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने लोकसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा के बीच संतुलन जरूरी है, लेकिन सरकार अदाणी समूह को विशेष छूट दे रही है।

गोगोई ने सवाल किया कि क्या अदाणी समूह राष्ट्रीय सुरक्षा से ऊपर है? उन्होंने कहा कि सेना की आशंकाओं को नजरअंदाज कर इस परियोजना को मंजूरी दी गई, जो गंभीर चिंता का विषय है।

जब सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं मिला, तो कांग्रेस और द्रमुक के सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्षी दलों ने सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण की मांग जारी रखने का ऐलान किया है।

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