बिहार में जमीन की जमाबंदी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितता उजागर हुई है। बिना दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पूरी किए ही कई मामलों में रजिस्टर-2 में जमाबंदी दर्ज करने की शिकायतें सामने आ रही हैं। इतना ही नहीं, पहले इसे छूटा हुआ दिखाकर बाद में ऑनलाइन किए जाने का भी मामला सामने आया है। इस गंभीर घोटाले की जांच का जिम्मा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अंचल अधिकारियों को सौंपा है।
गड़बड़ी करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी अंचल अधिकारियों को इस अनियमितता की तहकीकात करने का निर्देश दिया है। गड़बड़ी करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी की जा रही है।
सूत्रों की मानें तो कई मामलों में बिना दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पूरी किए ही रजिस्टर-2 में प्रविष्टि कर दी गई है। इतना ही नहीं, कई जगहों से रजिस्टर-2 के पन्ने फाड़े जाने की भी शिकायतें मिली हैं। इससे प्रभावित रैयत (किसान/भूमि मालिक) अपने भूमि संबंधी कागजात प्राप्त करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।
हर 15 दिन में होगी समीक्षा, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने निर्देश जारी किया है कि प्रत्येक 15 दिन में हर अंचल की समीक्षा के लिए अपर समाहर्ता, संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी और भूमि सुधार उप समाहर्ता में से कम से कम एक अधिकारी को अनिवार्य रूप से निरीक्षण करना होगा।
इस पूरी प्रक्रिया के जरिए विभाग भूमि रिकॉर्ड में पारदर्शिता लाने और गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की कोशिश कर रहा है। जांच के बाद पूरे घोटाले का खुलासा होगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।