हजारीबाग। विनोबा भावे विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में सोमवार को शिक्षक–अभिभावक–विद्यार्थी संयुक्त संगोष्ठी का आयोजन विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्ण कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों और अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

संगोष्ठी की शुरुआत स्वागत भाषण से हुई। इसके बाद विभागीय प्राध्यापक डॉ. केदार सिंह ने कार्यक्रम के उद्देश्य, विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में शिक्षक और अभिभावक की भूमिका तथा शिक्षा के मानवीय मूल्यों पर विस्तार से अपने विचार व्यक्त किए।
डॉ. सुबोध कुमार सिंह (शिवगीत) ने अपने संबोधन में विभाग की अनुशासित शैक्षणिक संस्कृति, स्वच्छता, हरियाली और विद्यार्थियों के आदर्श व्यवहार की सराहना की। उन्होंने भारतीय संस्कृति से जुड़े रहने और स्वावलंबी, मूल्याधारित शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया।
अभिभावकों ने भी विभाग की शिक्षण प्रक्रिया की सराहना करते हुए छात्रों के समग्र विकास हेतु रचनात्मक सुझाव प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्ण कुमार गुप्ता ने भारतीय संस्कृति की प्रासंगिकता और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अभिभावकों को शिक्षकों के साथ निरंतर संवाद बनाए रखना चाहिए, ताकि शिक्षा केवल ज्ञान का नहीं, बल्कि संस्कार का माध्यम बने।
इस अवसर पर विभाग के शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी और शिक्षकेतर कर्मी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी अंजली कुमारी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन अनुपम कुमार ने प्रस्तुत किया।

