संवाददाता, धनबाद: धनबाद डीसी कार्यालय के सामने शुक्रवार को उस वक्त दिल दहला देने वाला मंजर देखने को मिला, जब एक तेज़ रफ्तार हाईवा ने सड़क किनारे फल बेच रहे 40 वर्षीय सुधीर यादव को कुचल दिया। हादसे में सुधीर के दोनों पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। उन्हें गंभीर अवस्था में SNMMCH धनबाद ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के बाद आसपास मौजूद राहगीर तमाशबीन बनकर खड़े रहे, कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। सुधीर यादव ION डिजिटल के पास फल का ठेला लगाते थे और मेमको मोड़ के समीप नालंदा कॉटेज के आस पास का रहने वाला था। हादसे के समय हाईवा बरवड्डा की ओर से मेमको मोड़ की दिशा में जा रही थी।
घटना की सूचना मिलते ही ‘ह्यूमैनिटी हेल्पिंग हैंड्स’ संस्था के अध्यक्ष गौतम कुमार मंडल अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और सुधीर को तत्काल निजी वाहन से अस्पताल पहुंचाया। इस दौरान संस्था के सदस्य अपूर्वा विश्वास और लक्ष्मण कुमार ने भी सराहनीय भूमिका निभाई। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद सुधीर यादव की जान नहीं बच सकी।
इस दर्दनाक हादसे ने न केवल शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और प्रशासन की सतर्कता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि यह भी उजागर कर दिया कि आपात स्थिति में समाज की मानवीय संवेदनाएं किस कदर मर चुकी हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि डीसी ऑफिस जैसे अति-संवेदनशील और व्यस्त क्षेत्र में सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण के पर्याप्त इंतज़ाम क्यों नहीं हैं? और सबसे चिंताजनक बात यह कि जब कोई इंसान मौत से जूझ रहा होता है, तब लोग सहायता करने की बजाय कैमरा उठाकर तमाशबीन क्यों बन जाते हैं?