जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की कड़ी कार्रवाई से पाकिस्तान की सरकार और उसके नेता बौखलाए हुए हैं। आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए भारत ने सिंधु जल संधि (IWT) को निलंबित कर दिया, जिसके बाद पाकिस्तान के नेताओं के विवादित और उकसावेभरे बयान सामने आ रहे हैं।
बिलावल भुट्टो का भड़काऊ बयान
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “भारत ने पहलगाम त्रासदी के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया है। अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी झूठे आरोप लगा रहे हैं।”
बिलावल यहीं नहीं रुके। उन्होंने सिंधु नदी के पास खड़े होकर कहा, “सिंधु हमारी है और सिंधु हमारी ही रहेगी, चाहे उसमें पानी बहे या भारतियों का खून।” इस बयान ने दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण माहौल को और गरमा दिया है।
भारत की ओर से सिंधु जल संधि निलंबन का असर
भारत ने पहलगाम में हुए हमले के बाद सिंधु जल संधि को एकतरफा रूप से निलंबित कर दिया है। यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई थी, जिसमें भारत ने पश्चिमी नदियों का उपयोग पाकिस्तान को सौंपा था। लेकिन अब भारत की ओर से यह संकेत साफ है कि जब तक सीमा पार से आतंकवाद थमता नहीं, पानी की बात भी नहीं होगी।
पाकिस्तान में आंतरिक विरोध भी उभरा
भारत के इस निर्णय के बाद पाकिस्तान ने पंजाब प्रांत की विवादास्पद चोलिस्तान नहर परियोजना को रोक दिया है। इस परियोजना को फरवरी में सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने शुरू किया था। लेकिन सिंध प्रांत में इस परियोजना को लेकर तीखा विरोध हुआ, जहां PPP और अन्य दलों ने इसे सिंध के जल अधिकारों के खिलाफ बताया।
आंतरिक मतभेदों से जूझ रहा है पाकिस्तान
गौरतलब है कि PPP, जो सिंध में सत्ता में है, केंद्र की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार (PMNL-N) का भी हिस्सा है। ऐसे में परियोजनाओं और भारत नीति को लेकर पाकिस्तान में आंतरिक मतभेद और विरोध भी खुलकर सामने आ रहे हैं।