डिजिटल डेस्क। पटना: पटना के कुख्यात गैंगस्टर चंदन मिश्रा हत्याकांड के मुख्य आरोपित तौसीफ रजा उर्फ बादशाह ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपना हुलिया बदलने की सनसनीखेज कोशिश की। कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तौसीफ ने कोलकाता के दक्षिणी बाहरी इलाके में स्थित आनंदपुर गेस्ट हाउस में एक नाई को बुलाकर अपना सिर, दाढ़ी और मूंछ मुंडवा ली थी। इतना ही नहीं, उसके ममेरे भाई निशु खान ने भी पहचाने जाने से बचने के लिए ऐसा ही किया। हालांकि, उनकी ये चाल कामयाब नहीं हुई और बिहार व बंगाल एसटीएफ ने संयुक्त ऑपरेशन में तौसीफ, निशु, भीम कुमार और हरीश कुमार को गेस्ट हाउस से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस को भटकाने की साजिश
तौसीफ और निशु ने पुलिस को चकमा देने के लिए एक और चाल चली। उन्होंने अपनी गाड़ी गेस्ट हाउस परिसर में पार्क करने के बजाय लगभग 100 मीटर दूर एक ऊंची इमारत के पास खड़ी की, ताकि पुलिस का ध्यान गेस्ट हाउस से हटाया जा सके। लेकिन एसटीएफ की सतर्कता के आगे उनकी सारी कोशिशें नाकाम रहीं।
गेस्ट हाउस में बिना वैध ID के ठहरे आरोपित
हैरानी की बात यह है कि तौसीफ और उसके साथियों ने आनंदपुर गेस्ट हाउस में ठहरने के लिए कोई वैध पहचान पत्र नहीं दिखाया। फिर भी, उन्हें 24 घंटे से ज्यादा समय तक वहां ठहरने दिया गया। जांच में पता चला कि समूह के पांच लोगों में से एक ने किसी अन्य व्यक्ति का पहचान पत्र जमा किया था, जिसके असली होने की जांच चल रही है। एक अन्य व्यक्ति ने बाद में ID जमा करने का वादा किया, लेकिन वह भी जमा नहीं किया गया। निशु ने अपने दस्तावेज दिए, जबकि समूह में शामिल एक महिला को बाद में पुलिस ने छोड़ दिया। गेस्ट हाउस के खिलाफ नियमों के उल्लंघन में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
क्या है चंदन मिश्रा हत्याकांड?
बक्सर जिले के रहने वाले चंदन मिश्रा, जो हत्या के एक मामले में सजायाफ्ता कैदी था, को परोल पर रिहा होने के बाद पटना के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था। गुरुवार सुबह हमलावरों ने अस्पताल के ICU वार्ड में घुसकर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। इस सनसनीखेज हत्याकांड ने पुलिस को तुरंत हरकत में ला दिया, जिसके बाद कोलकाता में छिपे आरोपितों को पकड़ने के लिए बिहार और बंगाल एसटीएफ ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया।
पुलिस की सतर्कता से नाकाम हुई साजिश
तौसीफ और उसके साथियों की हर चाल को नाकाम करते हुए पुलिस ने चारों आरोपितों को धर दबोचा। इस मामले ने एक बार फिर गेस्ट हाउसों में पहचान पत्रों की जांच को लेकर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि गेस्ट हाउस में बिना वैध दस्तावेजों के ठहरने की इजाजत देने के पीछे की वजह क्या थी।