डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: सभी लोगों को स्वच्छ हवा में सांस लेने, साफ पानी पीने और बीमारियों से मुक्त जीवन जीने का अधिकार है। गुरूवार को सख्ती बरतते हुए प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा बयान दिया।
उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु के थूथुकुडी में तांबा गलाने वाले संयंत्र को बंद करने के अपने आदेश में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ उद्योग द्वारा आदेशों को बार-बार उल्लंघन की प्रकृति को गंभीर बताया।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को तमिलनाडु के थूथुकुडी में तांबा गलाने वाले संयंत्र को बंद करने के खिलाफ वेदांता समूह की याचिका को खारिज कर दी थी। मालूम हो कि प्रदूषण कारणों से यह संयंत्र मई, 2018 से बंद है।
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के थूथुकुडी में वेदांत समूह की कंपनी स्टरलाइट कॉपर को बंद करने पर अपने आदेश में कहा कि उद्योग को बंद करना पहली पसंद का मामला नहीं है, बल्कि इकाई द्वारा बार-बार उल्लंघन की प्रकृति और गंभीर है। पीठ ने कहा कि यह एक निर्विवाद और मौलिक सत्य है कि सभी व्यक्तियों को स्वच्छ हवा में सांस लेने, साफ पानी पीने, रोग और बीमारी से मुक्त जीवन जीने का अधिकार है।