दवा के लिए लोगों को नहीं लगाने पड़ेंगे शहर के चक्कर : अब गांव में पंचायत स्तर पर भी खोले जाएंगे मेडिकल स्टोर

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फार्मासिस्ट की डिग्री आवश्यक नहीं

केवल ड्रग लाइसेंस नंबर लेकर किया जा सकता है दुकान को संचालित

मिरर मीडिया : दवा (औषधि) आज की तारीख में कहीं ना कहीं हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया है। शहर में तों दवा आसानी से उपलब्ध हो जाती है पर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में यह उपलब्ध नहीं हो पाती जिसके कारण ग्रामीणों को शहर पर ही निर्भर रहना पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के संकल्प योजना के तहत प्रत्येक जिले की प्रत्येक गांव में पंचायत स्तर पर मेडिकल दुकान खोलने के निर्देश दिए गए हैं ताकि ग्राम वासियों को सुगमता पूर्वक औषधियां उपलब्ध हो सके।

आपको बता दें कि इस संबंध में स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। जिसके तहत ग्रामीण इलाकों में जहाँ आबादी 5000 से कम है वहां एक मेडिकल दुकान और जहां 5000 से अधिक की आबादी है वहां 2 मेडिकल दुकान खोले जाएंगे, हालांकि इसके लिए फार्मासिस्ट की डिग्री आवश्यक नहीं है जबकि केवल ड्रग लाइसेंस नंबर लेकर दुकान को संचालित किया जा सकता है।

ग्रामीण इलाकों में मेडिकल दुकान खोलने का मुख्य उद्देश्य सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में ससमय चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ आवश्यक औषधियां की उपलब्धता अनीवार्य करना है। दुकान खोलने के इच्छुक व्यक्तियों से विहित प्रपत्र में आवेदन मुखिया पंचायत सचिव द्वारा प्राप्त किया जाएगा जिसमें आवेदक का नाम पता शैक्षणिक योगिता दुकान खोले जाने वाले अस्थान का प्लॉट नंबर खाता नंबर क्षेत्रफल कार्य का अनुभव यदि हो तो इससे संबंधित सूचना आयोजन में अंकित होना चाहिए प्राप्त आवेदनों को अंतिम रूप से समीक्षा के उपरांत प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं औषधि निरीक्षक की संयुक्त अनुशंसा के साथ आवेदन उस क्षेत्र के अनुज्ञापन प्राधिकारी की स्वीकृति हेतु भेजा जाएगा।

प्राप्त आवेदनों की अनुशंसा किए जाने के क्रम में निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट या उसके समकक्ष होनी चाहिए हालांकि उच्चतम योग्यता को वरीयता दी जाएगी,समान योग्यता की स्थिति में विज्ञान विषय में उतीर्ण व्यक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी। किसी भी शैक्षणिक योग्यता की समतुल्य विवाद की स्थिति में अंतिम निर्णय प्रखंड विकास पदाधिकारी का होगा। साथ ही संबंधित गांव के अस्थाई निवासी को आवेदन में प्राथमिकता दी जाएगी
किसी ग्राम पंचायत में अधिक जनसंख्या वाले ग्राम में अवस्थित आवेदित संस्थान को भी प्राथमिकता दी जाएगी, स्वयं के स्वामित्व वाले दुकान के आवेदक को भी प्राथमिकता दी जाएगी।

कल्याण विभाग के द्वारा मुख्यमंत्री रोजगार गारंटी कार्यक्रम के अंतर्गत इच्छुक समस्त अनुज्ञप्तिधारी को अनुमान सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही प्राप्त संस्थानों को जिला स्तर पर औषधि निरीक्षकों एवं चिकित्सकों के द्वारा दुकान के सुलभ संचालन हेतु आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं सरकार के इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों को ससमय औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी साथ ही आवश्यकता पड़ने पर खुदरा औषधि विक्रेता के माध्यम से सभी प्रकार की औषधियां ग्रामीण को उपलब्ध कराई जा सकेगी एवं शिक्षित ग्रामीणों के रोजगार एवं आय स्रोत के साधन में भी वृद्धि होगी।

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