डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : टाटा स्टील अपने कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट के बाद कंपनी क्वार्टर में रहने की अवधि को बढ़ाने पर विचार कर रही है। नई नीति के अनुसार अब रिटायर्ड कर्मचारी अपने क्वार्टर में 18 महीने के बजाय दो साल (24 महीने) तक रह सकेंगे। इस फैसले से कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अपने लिए नया आवास तलाशने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। इस दौरान कंपनी नियमानुसार क्वार्टर खाली करने तक फाइन देते रहते होगा।
टाटा स्टील के हाउस एलॉटमेंट कमेटी (एचएसी) की हालिया बैठक में यह निर्णय लिया गया। सूत्रों के अनुसार कंपनी ने कर्मचारियों की सुविधा और उनके कल्याण को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। पहले की नीति में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को क्वार्टर खाली करने के लिए 18 महीने का समय दिया जाता था, लेकिन अब इस अवधि को बढ़ाकर 24 महीने कर दिया गया है। हालांकि इस दौरान उन्हें ग्रैच्युटी का भुगतान नहीं किया जाएगा। पेनाल्टी भी बढ़ा दी गई है। इसको लेकर नाराजगी भी है।वहीं कमेटी के सदस्यों का कहना है कि क्वार्टर नहीं छोड़ने की स्थिति में प्रतिमाह 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का नुकसान होगा।
इसके अलावा टाटा स्टील ने क्वार्टर आवंटन के अन्य नियमों में भी संशोधन किया है। अगर किसी कर्मचारी की तीसरी पीढ़ी क्वार्टर में रह रही है, तो उसे बिना किसी अतिरिक्त पॉइंट के क्वार्टर आवंटित कर दिया जाएगा। साथ ही क्वार्टर आवंटन के लिए पॉइंट सिस्टम में भी बदलाव किया गया है, जिसमें लंबी सेवा अवधि और खेल कोटा में भाग लेने वाले कर्मचारियों को अतिरिक्त पॉइंट दिए जाएंगे। इस फैसले को अभी लागू करने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।