फिजियोथेरेपिस्ट अब अपने नाम के आगे ‘डॉ.’ नहीं लगा सकेंगे, DGHS ने जारी किया आदेश

KK Sagar
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स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने बड़ा आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब फिजियोथेरेपिस्ट अपने नाम के आगे ‘डॉ.’ नहीं लिख पाएंगे। आदेश में साफ कहा गया है कि सिर्फ मेडिकल डॉक्टर ही इस टाइटल का इस्तेमाल कर सकेंगे।

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनीता शर्मा ने कहा कि फिजियोथेरेपिस्टों द्वारा अपने नाम के आगे ‘डॉ.’ लगाने से मरीजों और आम जनता में भ्रम की स्थिति बनती है और इससे ‘क्वैकरी’ (नकली इलाज) को बढ़ावा मिलता है।

🔹 क्यों लिया गया फैसला?

डीजीएचएस को इस मामले पर कई संगठनों से आपत्तियां मिली थीं, जिनमें भारतीय भौतिक चिकित्सा एवं पुनर्वास संघ (IAPMR) भी शामिल है। शिकायत में कहा गया था कि फिजियोथेरेपिस्ट मेडिकल चिकित्सक नहीं होते, इसलिए उन्हें यह टाइटल प्रयोग करने का अधिकार नहीं है।

🔹 कोर्ट के फैसलों का हवाला

डीजीएचएस ने अपने पत्र में बताया कि पटना हाई कोर्ट, तमिलनाडु मेडिकल काउंसिल, बेंगलुरु कोर्ट और मद्रास हाई कोर्ट पहले ही इस पर फैसला दे चुके हैं कि मेडिकल रजिस्ट्रेशन के बिना कोई भी फिजियोथेरेपिस्ट ‘Dr.’ टाइटल का इस्तेमाल करता है तो यह गैरकानूनी है।

🔹 सीमा तय की गई

आदेश में यह भी कहा गया है कि फिजियोथेरेपिस्टों को प्राथमिक चिकित्सा देने की अनुमति नहीं है। वे सिर्फ रेफर किए गए मरीजों का ही इलाज कर सकते हैं, क्योंकि अनुचित फिजियोथेरेपी हस्तक्षेप से मरीज की हालत बिगड़ सकती है।

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