डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देश के अनुसार समाहरणालय सभागार में विभिन्न विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। उप विकास आयुक्त ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए अनाबद्ध निधि, डीएमएफटी, नीति आयोग फंड, एमपी व एमएलए लैड, सीएसआर, खेल और पर्यटन से संबंधित योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
अनाबद्ध निधि और लंबित परियोजनाओं पर जोर
अनाबद्ध निधि की समीक्षा करते हुए उप विकास आयुक्त ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर योजनाएं स्वीकृत की जाती हैं, और कार्यदायी एजेंसियों को उसी अनुरूप विकास कार्यों को समय पर पूरा करना चाहिए। उन्होंने पुल-पुलिया, पहुंच पथ, पीसीसी रोड, पेयजल स्रोतों, और स्कूल में कमरा निर्माण जैसी परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूरे किए जाएं, और यदि कार्य नहीं हो रहा है, तो तकनीकी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए और नए सिरे से निविदा प्रक्रिया शुरू की जाए। कार्य में शिथिलता, लापरवाही या गुणवत्ताहीन कार्य करने वाले संवेदकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि समय पर कार्य पूरा कराना इंजीनियरिंग विभागों की जिम्मेदारी है और देरी होने पर जवाबदेही तय की जाएगी। साथ ही, समय-समय पर निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर भौतिक स्थिति की जांच करने पर भी जोर दिया गया।
नीति आयोग फंड का उपयोग और आंगनबाड़ी केंद्रों का सुदृढ़ीकरण
नीति आयोग से प्राप्त राशि का उपयोग पीवीटीजी (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह) क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण और वॉल पेंटिंग जैसे कार्यों के लिए किया गया है। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को कुल 130 आंगनबाड़ी केंद्रों का भौतिक सत्यापन कर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया।
डीएमएफटी से 60 नए आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण
वित्तीय वर्ष 2025-26 में डीएमएफटी (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) से स्वीकृत 60 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए नामित इंजीनियरिंग विभागों को अंचल अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। साथ ही, जल्द से जल्द निविदा प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू करने के भी निर्देश दिए गए।
सीएसआर के तहत जनहित में योजनाओं का उपयोग
सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) मद से सड़क सुदृढ़ीकरण, चापाकल अधिष्ठापन, स्वास्थ्य सेवा सुदृढ़ीकरण, मोबाइल मेडिकल यूनिट, एम्बुलेंस, दवा खरीद और गर्भवती महिलाओं व बच्चों को पूरक पोषण उपलब्ध कराने पर भी चर्चा की गई। उप विकास आयुक्त ने कहा कि आवंटित राशि का जनहित में उचित उपयोग सुनिश्चित किया जाए, जिससे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से एक बड़ा समूह लाभान्वित हो सके। एमपी-एमएलए लैड और जनप्रतिनिधियों की योजनाओं को प्राथमिकता
एमपी-एमएलए लैड (सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास) की समीक्षा में सभी कार्यदायी एजेंसियों को अपूर्ण योजनाओं में अपेक्षित प्रगति लाने का निर्देश दिया गया। उन्होंने माननीय जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसित योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने और पारदर्शिता के साथ कार्य संपादित करने पर जोर दिया। उन्होंने योजनाओं की भौतिक प्रगति के साथ-साथ वित्तीय उपयोगिता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता भी बताई।
खेल और पर्यटन विकास पर भी हुई चर्चा
बैठक में खेल और पर्यटन विकास से जुड़ी योजनाओं की भी समीक्षा की गई और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उप विकास आयुक्त ने कैबिनेट के संकल्प का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी आधारभूत संरचना योजना को शुरू करने से पहले माननीय जनप्रतिनिधियों को सूचित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नियमानुसार जिन कार्यों को करना है, उनमें विलंब न करें और सकारात्मक तरीके से विकास योजनाओं को धरातल पर उतारें। इस समीक्षा बैठक का मुख्य उद्देश्य विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति की निगरानी करना और यह सुनिश्चित करना था कि वे समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरी हों, जिससे आम जनता को अधिकतम लाभ मिल सके।