रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) में अध्यक्ष पद की नियुक्ति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। पिछले 7 महीनों से अध्यक्ष पद खाली होने के कारण 11वीं से 13वीं जेपीएससी परीक्षा के नतीजे अटके हुए हैं। इससे नाराज जेपीएससी अभ्यर्थियों ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया और आयोग की स्थिति पर “शोक सभा” आयोजित कर पिंडदान और ब्रह्म भोज का आयोजन किया।
छात्रों का नया विरोध – हिंदू रीति-रिवाजों से किया पिंडदान
इससे पहले भी अभ्यर्थियों ने आयोग कार्यालय के बाहर कई बार धरना-प्रदर्शन किया था, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस बार छात्रों ने हिंदू परंपरा के अनुसार पिंडदान कर JPSC की आत्मा की शांति की प्रार्थना की। उनका कहना था कि जेपीएससी 23 वर्ष की आयु में स्वर्गवासी हो चुका है, इसलिए उसकी आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और ब्रह्म भोज जरूरी है।
ब्रहम भोज के साथ सरकार को जगाने की कोशिश
तस्वीरों में दिख रहा है कि छात्रों ने पिंडदान के बाद ब्रह्म भोज का भी आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए। उनका कहना था कि यह सब करने के पीछे सरकार को जगाने और आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति जल्द से जल्द करवाने का संदेश देना था।
जेपीएससी की परीक्षाएं अटकी, हजारों छात्रों का भविष्य अधर में
जेपीएससी अध्यक्ष पद खाली होने के कारण मुख्य परीक्षा के परिणाम रुके पड़े हैं और 10 से अधिक परीक्षाएं प्रभावित हो रही हैं। इससे हजारों छात्र असमंजस में हैं और उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है।
भाजपा युवा मोर्चा ने किया समर्थन
भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शशांक राज भी छात्रों के समर्थन में पहुंचे। उन्होंने कहा,
“छात्रों ने तो पिंडदान और ब्रह्म भोज भी कर दिया है। अब सरकार की नींद खुलनी चाहिए। मुख्यमंत्री को जल्द से जल्द जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति करनी चाहिए, क्योंकि इस देरी से राज्य और छात्रों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है।”
आंदोलन और तेज करने की तैयारी
जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग को लेकर छात्र अब और बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि अगर जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो पूरे राज्य में उग्र प्रदर्शन होगा।
अब देखना होगा कि सरकार कब तक इस मुद्दे पर कोई फैसला लेती है और जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति कर छात्रों के भविष्य को संवारने का काम करती है।