ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने रवाना हुए PM मोदी, पांच महीनों में पुतिन से दूसरी मुलाकात

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डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मंगलवार को एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुलाकात होगी। पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार सुबह सात बजे नई दिल्ली से रवाना हो चुके हैं। रूस के कजान शहर पहुंचने के दो घंटे बाद ही उनकी पुतिन से वार्ता निर्धारित है। यह पांच महीनों में दोनों नेताओं की दूसरी मुलाकात होगी, जो भारत और रूस के बीच गहरे रिश्तों को दर्शाती है।

पिछले पांच महीनों में दूसरी मुलाकात

जुलाई 2024 में पीएम मोदी ने रूस की आधिकारिक यात्रा की थी, जहां उन्होंने पुतिन के साथ भारत-रूस सालाना बैठक की अध्यक्षता की थी। उस बैठक में द्विपक्षीय मुद्दों के साथ ही यूक्रेन और अन्य वैश्विक मामलों पर विस्तृत चर्चा हुई थी। पीएम मोदी ने उस समय पुतिन से कहा था कि युद्ध से समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। साथ ही, उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए व्यक्तिगत प्रयास का आश्वासन दिया था।

कुछ ही दिनों बाद मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया और वहां के राष्ट्रपति वोलोदोमीर जेलेंस्की से मुलाकात की। इस पृष्ठभूमि में, कजान में होने वाली वार्ता को वैश्विक राजनीति के संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

अन्य नेताओं से भी मुलाकात की संभावना

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी की तुर्किये के राष्ट्रपति तैयिब एर्दोगान और ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से भी मुलाकात होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, हाल के हफ्तों में भारतीय विदेश मंत्रालय और इन देशों के दूतावासों के बीच विमर्श जारी रहा है।

तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगान के साथ इस वार्ता को दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों को सुधारने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में एर्दोगान ने संयुक्त राष्ट्र मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाया था, लेकिन इस वर्ष उन्होंने अपने भाषण में इसका उल्लेख नहीं किया, जो भारत के प्रति एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा कि ब्रिक्स को किसी भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं देखा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अपने भागीदारों भारत, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के साथ काम करना जारी रखेगा।

ब्रिक्स: पश्चिमी विरोधी नहीं, गैर-पश्चिमी समूह

रूस की अध्यक्षता में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22 और 23 अक्टूबर को कजान शहर में होगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी के ब्रिक्स के प्रति दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा कि यह समूह पश्चिमी विरोधी नहीं है, बल्कि गैर-पश्चिमी देशों का समूह है। पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स का उद्देश्य कभी भी किसी के खिलाफ नहीं रहा, बल्कि यह वैश्विक सहयोग और साझेदारी के लिए एक मंच है।

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