Delhi:सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से आज मिलेंगे पीएम मोदी, पहलगाम हमले के बाद 33 देशों में गए थे डेलिगेशन

Neelam
By Neelam
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प्रधानमंत्री मोदी आज ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश गए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी मंगलवार शाम 7 बजे अपने निवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर विदेश गए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू के कार्यालय ने सभी डेलिगेशन मेंबर्स को इस बैठक की जानकारी दे दी है।

सूत्रों के मुताबिक,विदेश में गए प्रतिनिधिमंडल के सदस्य प्रधानमंत्री के साथ अपनी प्रतिक्रिया साझा करेंगे। पूर्व सांसद और पूर्व राजनयिक भी इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा थे, जिन्होंने 33 विदेशी राजधानियों और यूरोपीय संघ का दौरा किया। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के कुल 7 समूहों ने विभिन्न देशों की राजधानियों का दौरा किया और आतंकवाद के खिलाफ भारत की शून्य सहिष्णुता की नीति को सामने रखा। प्रतिनिधिमंडल में एनसीपी-एससीपी की सुप्रिया सुले, कांग्रेस के शशि थरूर, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जैसे 50 से अधिक विपक्षी सांसद, नेता और पूर्व राजदूत शामिल थे।

100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी। जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इस मिशन में पाकिस्तान और पीओजेके (पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर) में आतंकी ठिकानों पर निशाना साधते हुए 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया। इस वार से बौखलाए पाकिस्तान ने भी भारत पर हमला कर दिया था। हालांकि, पाकिस्तान को इसका मुंहतोड़ जवाब मिला था। जिसके बाद पाकिस्तान घुटनों पर आने को मजबूर हुआ था।

30 से ज्यादा देशों का दौरा

इसके बाद भारत ने दुनिया को बताने के लिए एक राजनयिक अभियान शुरू किया। सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय एकता का संदेश देने के लिए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे। जिसमें 7 समूहों में बंटे 50 से ज्यादा सांसद, पूर्व राजदूत और सरकारी अधिकारी शामिल थे। इन दलों ने 30 से ज्यादा देशों का दौरा किया। बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में एक दल सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया गया। रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाला दल ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, ईयू, इटली और डेनमार्क गया। शशि थरूर के नेतृत्व में अमेरिका, ब्राज़ील, पनामा जैसे देशों में भारत का पक्ष रखा गया. बाकी समूहों ने अफ्रीका, एशिया और यूरोप के कई देशों में भारत की नीति को समझाया।

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