डिजिटल डेस्क/कोलकाता: कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई रेप और हत्या की घटना की पहली बरसी पर शनिवार को विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। राज्य सचिवालय, नबन्ना तक मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें बीजेपी नेताओं समेत 100 से ज़्यादा लोगों के घायल होने का आरोप है।
प्रदर्शनकारियों ने रानी राश्मोनी रोड पर पुलिस की चेतावनी को नज़रअंदाज़ करते हुए बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज किया। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पुलिस की कार्रवाई में वो खुद, बीजेपी नेता अग्निमित्रा पाल और 100 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि लाठीचार्ज के दौरान मृत डॉक्टर के माता-पिता भी घायल हुए हैं।
सुवेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें इस घटना की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और यह विरोध आगे और भी बड़ा होगा। प्रदर्शनकारियों का एक समूह हावड़ा जिले के संतरागाछी भी पहुंचा और पुलिस बैरिकेड को पार करने की कोशिश की।
प्रदर्शनकारी ‘नबन्ना चलो’ अभियान के तहत मृत डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे थे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, पुलिस हम पर गोली चला सकती है, लेकिन हम नबन्ना पहुंचने के लिए दृढ़ हैं, जहां राज्य सरकार को जवाब देना होगा कि एक साल बाद भी न्याय क्यों नहीं मिला।
पुलिस लगातार लाउडस्पीकर से कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील कर रही थी, लेकिन प्रदर्शनकारी 10 फीट ऊंचे बैरिकेड तोड़ने की कोशिश करते रहे।
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कई जगहों पर भारी पुलिस बल, रैपिड एक्शन फ़ोर्स (RAF) और वाटर कैनन तैनात किए गए थे। मृत डॉक्टर के माता-पिता ने लोगों से इस मार्च में शामिल होने की अपील की थी, जबकि सुवेंदु अधिकारी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से बिना किसी पार्टी के झंडे के जुलूस में शामिल होने को कहा था।
इस दौरान बीजेपी के बैनर या झंडे का इस्तेमाल नहीं किया गया। मृत डॉक्टर के पिता ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट द्वारा शांतिपूर्ण रैली की अनुमति दिए जाने के बावजूद पुलिस सहयोग नहीं कर रही है और लोगों को रैली स्थल तक पहुंचने से रोक रही है।