झरिया में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से लोन दिलाने के बहाने महिला और पुरुष समूह से 10 लाख 70 हजार रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। इस संबंध में पीड़ित महिलाओं ने 28 अक्तूबर को झरिया थाना में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
ठगी का मामला और आरोपियों की पहचान
झरिया के इंदिरा चौक की निवासी रीना देवी ने शिकायत में बताया कि समूह की लीडर सुनीता मेश्राम, रविशंकर मेश्राम, छोटू मेश्राम, रंजीत मेश्राम, प्रभावती मेश्राम, और मदन साव ने मिलकर माइक्रो फाइनेंस कंपनी से 10 लाख 70 हजार रुपये का लोन उठाने के लिए समूह के लोगों का कागजात इकट्ठा किया। आरोपियों ने कहा कि लोन का फायदा सभी को मिलेगा, परंतु बाद में उन्हें पता चला कि लोन की राशि का उपयोग समूह के किसी सदस्य को नहीं दिया गया, बल्कि आरोपियों ने इसे अपने लाभ के लिए उठा लिया।
ठगी की जानकारी और आरोपियों की भागने की कोशिश
पीड़ितों को छह महीने बाद इस ठगी की जानकारी हुई, जब फाइनेंस कंपनी ने उनके नाम पर लोन की सूचना दी। जैसे ही ठगे गए लोगों को इस घटना का पता चला, उन्होंने आरोपियों का विरोध किया। इस पर आरोपियों ने कथित रूप से झरिया स्थित अपना घर बेचकर भागने की योजना बनाई। जब पीड़ितों को यह बात पता चली, उन्होंने हंगामा कर आरोपियों को रोकने का प्रयास किया। हालांकि, तीन आरोपी मौके से फरार होने में सफल रहे।
ठगी का शिकार बने लोग और ठगी की रकम
इस मामले में ठगी का शिकार बने व्यक्तियों में शामिल हैं:
आदित्य पासवान – 1.50 लाख रुपये
सोमेश भुइयां – 1.50 लाख रुपये
मीना देवी – 50 हजार रुपये
सविता देवी – 50 हजार रुपये
सोनी देवी – 1 लाख रुपये
रजनी भुइयां – 3 लाख रुपये
नीलम देवी – 20 हजार रुपये
तेतरी देवी – 2.50 लाख रुपये
पुलिस का बयान और आगे की कार्रवाई
झरिया इंस्पेक्टर सह थानेदार शशि रंजन कुमार ने इस मामले में बताया कि अब तक उन्हें कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अगर शिकायत प्राप्त होती है तो पुलिस आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगी। ठगी का शिकार हुए लोगों ने पुलिस से त्वरित कार्रवाई की मांग की है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की गुहार लगाई है।