धनबाद जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के खरखरी जंगल में हिलटॉप आउटसोर्सिंग के वर्चस्व को लेकर हुई फायरिंग, बमबाजी और डीएसपी पर जानलेवा हमला मामले में पुलिस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस हिंसक झड़प के मुख्य आरोपी कारू यादव और उसके सहयोगियों की तलाश में पुलिस ने झारखंड, बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश तक छापेमारी अभियान तेज कर दिया है।
बोकारो थाना क्षेत्र में मिली बड़ी सफलता
धनबाद पुलिस को मंगलवार को बोकारो थाना क्षेत्र में बड़ी सफलता मिली हैं। पुलिस ने कारू यादव के छोटे भाई वीरेंद्र यादव उर्फ बिल्ला को मोबाइल लोकेशन की मदद से गिरफ्तार कर लिया। वह कारू यादव के समधी के घर में छिपा हुआ था। इसके साथ ही अन्य जगहों से छापेमारी में राम लखन महतो और मनी विश्वकर्मा को भी पुलिस ने हिरासत में लिया। वहीं बताये गए ठिकानो के आधार पर शिनाख्त के दौरान एक पिस्टल के साथ 5 गोली भी बरामद की गई हैं।
तीन मुख्य आरोपित गिरफ्तार
महुदा थाना क्षेत्र में छापेमारी करते हुए पुलिस ने आशा कोठी निवासी दो अन्य आरोपित जीतू यादव और डोमन यादव को भी गिरफ्तार किया। इन तीनों आरोपितों को मंगलवार को जेल भेज दिया गया।
हिरासत में अन्य संदिग्ध
पुलिस ने फुलारीटांड़ खटाल, आशा कोठी खटाल, सिनीडीह, खरखरी, धर्माबांध, देवघरा और नावागढ़ जैसे क्षेत्रों में भी छापेमारी की। इस दौरान आठ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया, जिनमें कारू यादव के चाचा ससुर बहादुर यादव और कमली यादव भी शामिल हैं। इनके बयान के आधार पर नवादा, कौआकोल, लखीसराय और जमुई में छापेमारी की गई।
हिंसक झड़प की पृष्ठभूमि
यह विवाद मधुबन थाना क्षेत्र के खरखरी जंगल में एक निजी कंपनी हिलटॉप द्वारा चहारदीवारी निर्माण के दौरान शुरू हुआ। गिरिडीह सांसद प्रकाश चौधरी और कारू यादव के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें फायरिंग और बमबाजी हुई। इस घटना में डीएसपी पर भी जानलेवा हमला किया गया।
मुख्य आरोपी अब भी फरार
हालांकि, इस मामले का मुख्य आरोपी कारू यादव अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी हुई है।
पुलिस का बयान
धनबाद पुलिस का कहना है कि आरोपितों के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए जा रहे हैं। हिरासत में लिए गए अन्य लोगों से भी पूछताछ जारी है। इस मामले में पुलिस किसी भी दोषी को बख्शने के मूड में नहीं है और लगातार कार्रवाई जारी है।
गौरतलब है की घटना के बाद से ही पूरे क्षेत्र में तनाव और भय का माहौल बना हुआ है। पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई से हालात को काबू में लाने की कोशिश की जा रही है। वहीं, इस घटना ने स्थानीय राजनीति और औद्योगिक वर्चस्व की जंग को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है।