डिजिटल डेस्क/जमशेदपुर : कोल्हान क्षेत्र में अफीम की अवैध खेती को रोकने के लिए सरायकेला-खरसावां पुलिस ने एक बड़ा अभियान शुरू किया है। इस ‘प्री-कल्टीवेशन ड्राइव’ का मकसद आगामी फसल वर्ष में अफीम की खेती को पूरी तरह खत्म करना है। इस अभियान के तहत पुलिस, कृषि विभाग और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर प्रभावित गांवों में जागरूकता कार्यक्रम चला रही है।
इस अभियान के तहत पुलिस ने कुचाई, खरसावां, ईचागढ़ और चौका जैसे अफीम प्रभावित क्षेत्रों में कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं। पुलिस अधिकारी ग्रामीणों को अफीम के बुरे प्रभावों और इसके लिए बनाए गए सख्त कानूनी प्रावधानों के बारे में स्थानीय भाषा में जानकारी दे रहे हैं। ग्रामीणों को यह भी बताया जा रहा है कि वे अफीम की जगह अन्य लाभकारी फसलों या पशुपालन पर ध्यान दें। पुलिस का लक्ष्य है कि ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाकर अफीम की खेती से दूर किया जा सके।
पिछले साल 678 एकड़ से ज्यादा अफीम की फसल नष्ट
सरायकेला-खरसावां पुलिस ने पिछले फसल वर्ष (2024-25) में 678.96 एकड़ क्षेत्र में लगाई गई अफीम की अवैध फसल को नष्ट किया था। इस साल पुलिस का फोकस पिछले साल नष्ट किए गए क्षेत्रों पर भी है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वहां फिर से अफीम की खेती शुरू न हो।
विभिन्न विभागों के साथ मिलकर बड़ा अभियान
इस अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए पुलिस ने एक विस्तृत योजना तैयार की है। इसके तहत पुलिस, बीडीओ, सीओ, वन विभाग और कृषि विभाग के अधिकारी मिलकर काम करेंगे। वे हर हफ्ते प्रभावित पंचायतों में जागरूकता अभियान चलाएंगे और स्थानीय जनप्रतिनिधियों जैसे मानकी-मुंडा और मुखिया के साथ नियमित बैठकें करेंगे।
इसके अलावा, पुलिस उन सभी लंबित मामलों की भी समीक्षा कर रही है जो अफीम की खेती से जुड़े हैं। फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने और कुर्की-जब्ती की कार्रवाई को तेज करने के लिए एक विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में भी जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे ताकि युवा पीढ़ी को इसके खतरों के बारे में जानकारी मिल सके।