डिजिटल डेस्क/ कोलकाता: आईपीएल के क्वालीफायर-2 और फाइनल मैच को कोलकाता के प्रतिष्ठित ईडन गार्डन्स स्टेडियम से हटाकर अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में स्थानांतरित करने के फैसले ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक विवाद को हवा दे दी है। इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आमने-सामने हैं।
टीएमसी का आरोप:
केंद्र का बंगाल को वंचित करने का प्रयास
पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री और टीएमसी नेता अरूप बिस्वास ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह ममता बनर्जी सरकार को हर क्षेत्र में निशाना बना रहा है। बिस्वास ने कहा कि बीसीसीआई ने मौसम का हवाला देकर मैच हटाने की बात कही, लेकिन कोलकाता में जून के पहले सप्ताह में मानसून की कोई भविष्यवाणी नहीं है। अहमदाबाद में बारिश नहीं होगी, इसकी क्या गारंटी है?’ उन्होंने 2023 के आईपीएल फाइनल का उदाहरण देते हुए कहा कि तब बारिश के बावजूद रिजर्व डे पर मैच आयोजित हुआ था। बिस्वास ने ईडन गार्डन्स की उत्कृष्ट निकासी व्यवस्था की भी सराहना की, जहां भारी बारिश के बाद भी एक घंटे में मैच शुरू हो सकता है। उन्होंने केंद्र पर बंगाल के लिए मनरेगा, आवास योजना और अन्य योजनाओं के फंड रोकने का भी आरोप लगाया।
बीजेपी का पलटवार: कानून-व्यवस्था का मुद्दा
दूसरी ओर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री और बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दावा किया कि राज्य में खराब कानून-व्यवस्था के कारण सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया। हालांकि, बिस्वास ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि इस सीजन में ईडन गार्डन्स में सात आईपीएल मैच बिना किसी अप्रिय घटना के आयोजित हुए, जिनमें 60-65 हजार दर्शकों ने हिस्सा लिया।
चार साल में चार फाइनल अहमदाबाद में क्यों?
बिस्वास ने सवाल उठाया कि पिछले चार वर्षों में नरेंद्र मोदी स्टेडियम में चार आईपीएल फाइनल क्यों आयोजित किए गए। उन्होंने मजूमदार से इस पर जवाब मांगा।