सोमवार से नहीं आएगी धनबाद कृषि बाजार समिति में आलू, प्याज व खाद्यान्‍न : हो सकती है बड़ी समस्या : राज्य सरकार द्वारा शुल्क बढ़ोतरी को लेकर व्यापारियों ने लिया निर्णय

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मिरर मीडिया : झारखंड सरकार द्वारा 2% बाजार शुल्क को लेकर व्यापारियों में काफी रोष है। वे लगातार इसका विरोध कर रहें है। दरअसल दो प्रतिशत शुल्क वृद्धि को लेकर व्यापारियों ने हेमंत सोरेन सरकार को बीते 16 अप्रैल को एक माह का अल्टीमेटम दिया गया था। एक माह बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से किसी प्रकार का कोई जवाब नहीं मिला है। लिहाजा आक्रोशित व्यापारियों ने सरकार के निर्णय के विरुद्ध आवक ठप करने का निर्णय लिया गया है। फिलहाल प्रतिष्ठान में बची और रास्ते में आ रहीं माल को बेचने के बाद जिले में खाद्यान्न की आपूर्ति की कमी और उससे उत्पन्न समस्याओं की जवाबदेही सरकार की होगी।

आपको बता दें कि धनबाद जिले में खाद्यान्‍न की आपूर्ति धनबाद की कृषि बाजार समिति की थोक मंडियों से की जाती है। राज्‍य की हेमंत सरकार यहां दो प्रतिशत बाजार शुल्‍क लगाने पर जोर दे रही है। व्‍यापारियों के अनुसार यदि सरकार द्वारा दो प्रतिशत बाजार शुल्क लागू किया गया तो इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पढ़ेगा।जबकि यही वज़ह रहीं कि जनता के हितों को देखते हुए पूर्ववर्ती भाजपा की रघुवर सरकार ने यहां कृषि बाजार शुल्क को हटा दिया था। वही हेमंत सोरेन की सरकार के समय में इसे लागू करने की कोशिश की जा रही है, जिसका जिले से लेकर राज्य की राजधानी तक के व्यापारी विरोध कर रहे हैं।

इधर धनबाद जिला खाद्यान्‍न व्यवसायी संघ के जिला महासचिव के मुताबिक पड़ोसी राज्य जैसे बिहार, ओडिशा, बंगाल कहीं पर भी खाद्यान्‍न, फल, सब्जी, अंडा व मछली पर कृषि उत्पादन बाजार शुल्क लागू नहीं है। झारखंड में बाजार शुल्क लागू होने से इसका सीधा असर मंडियों पर पड़ेगा। वहीं आम उपभोक्ता भी इससे प्रभावित होंगे और इंस्पेटर राज बढ़ेगा।

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