बच्चों की सुरक्षा के लिए ‘पॉक्सो एक्ट’ की जानकारी जन-जन तक पहुंचाना ज़रूरी

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क/भोपाल : महिला व बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा है कि बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों से बचाने वाले पॉक्सो एक्ट 2012 की जानकारी हर व्यक्ति तक पहुंचना बेहद ज़रूरी है, ताकि बच्चे शोषण का शिकार न हों। उन्होंने यह बात आज कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक क्षेत्रीय कार्यशाला में कही।
इस कार्यशाला का आयोजन मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने किया था। भूरिया ने लाड़ली बहनों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और प्रदेशवासियों को रक्षा बंधन की शुभकामनाएं भी दी।मंत्री भूरिया ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

कठोर कार्रवाई: प्रदेश में पॉक्सो एक्ट के तहत गंभीर अपराधों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषियों को मृत्युदंड तक दिया गया है, जो सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

बच्चों की देखरेख: सरकार द्वारा 137 बाल देखरेख संस्थाओं के ज़रिए ज़रूरतमंद बच्चों को आश्रय और पुनर्वास की सुविधा दी जा रही है।

वित्तीय सहायता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत मध्यप्रदेश के 435 अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता और छात्रवृत्ति मिल रही है।

मिशन वात्सल्य: वर्तमान में 13,146 बच्चों को मिशन वात्सल्य के तहत प्रायोजन और फोस्टर केयर की सुविधा दी जा रही है।

नीति निर्माण: मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने साल 2021 में ‘मध्यप्रदेश बाल संरक्षण नीति 2020’ को अधिसूचित किया।

उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों में हर 15 दिन में पॉक्सो अधिनियम पर जागरूकता सत्र अनिवार्य किए जाएं।

सामूहिक जिम्मेदारी और जीरो टॉलरेंस

गुजरात बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष धर्मिष्ठाबेन वी. गज्जर ने बच्चों की सुरक्षा को देश की सामूहिक जिम्मेदारी बताया और कहा कि सभी राज्यों को मिलकर काम करना चाहिए। वहीं मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष द्रविन्द्र मोरे ने पॉक्सो मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने प्रवासी मजदूरों के बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की बात कही और बताया कि मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग ने ऐसे बच्चों के लिए हिंदी माध्यम की पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई हैं। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों ने पॉक्सो एक्ट के कानूनी और व्यावहारिक पहलुओं पर प्रशिक्षण भी दिया।

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