जमुई: बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 की तैयारी को लेकर जिला निर्वाचन पदाधिकारी नवीन की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित कार्यालय में सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रतिनिधियों को ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी गई।
जिलाधिकारी ने बताया कि 18 जून से 29 जून तक सोनपे स्थित ईवीएम वेयरहाउस में एफएलसी कार्य प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगा, जिसमें अवकाश के दिन भी कार्य होगा। इस कार्य के लिए ईसीआईएल हैदराबाद से 13 अभियंता नामित किए गए हैं। एफएलसी की निगरानी भारत निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा वेबकास्टिंग के माध्यम से की जाएगी। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाएगी।
एफएलसी पर्यवेक्षक के रूप में डीडीसी सुभाष चंद्र मंडल को नामित किया गया है। कार्यस्थल पर प्रवेश के लिए अधिकृत परिचय पत्र अनिवार्य होगा। किसी भी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि, अधिकारी, अभियंता, कर्मचारी या श्रमिक बिना आईडी कार्ड के प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
एफएलसी के दौरान मॉक पोल भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक उम्मीदवार को 6-6 वोट डाले जाएंगे। एक मशीन में कुल 96 वोट डालने का प्रावधान है। परिणामों का मिलान सीयू और वीवीपैट से प्राप्त पर्चियों से किया जाएगा। इसके बाद प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर लिए जाएंगे और एफएलसी पूर्ण होने पर मशीनों की सूची की प्रति उन्हें प्रदान की जाएगी।
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के बैठने की व्यवस्था के साथ-साथ अग्निशमन यंत्र, सीसीटीवी कैमरा, शौचालय, पेयजल जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों की तैनाती और प्रवेश से पहले फ्रिस्किंग की व्यवस्था की जाएगी।
जिलाधिकारी ने सभी राजनीतिक दलों से गाइडलाइंस के अनुसार सहयोग की अपील की।
इस बैठक में डीडीसी सुभाष चंद्र मंडल, उप निर्वाचन पदाधिकारी नजरूल हक, जदयू के शैलेंद्र महतो, भाजपा के दुर्गा प्रसाद केशरी, राजद के त्रिवेणी यादव, लोजपा रामविलास के जीवन सिंह, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के रामाधीन पासवान, भाकपा नेता गजाधर रजक समेत कई प्रतिनिधि उपस्थित थे।