डिजिटल डेस्क/ कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले धार्मिक आयोजनों के जरिए जनता का ध्यान खींचने की तैयारियां तेज हो गई हैं। सात दिसंबर को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में सनातन संस्कृति मंच और हिंदू संगठनों द्वारा आयोजित ‘पांच लाख कंठ गीता पाठ’ में पांच लाख लोगों को जुटाने की योजना है। पिछले साल एक लाख लोगों के साथ हुए इस आयोजन को इस बार और भव्य बनाने की तैयारी है।
आयोजक कार्तिक महाराज ने इसे गैर-राजनीतिक बताया, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसकी टाइमिंग को लेकर चर्चा जोरों पर है।
दूसरी ओर, बंगाल सरकार रथयात्रा से पहले दीघा के नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर का प्रसाद (गजा और पेड़ा) घर-घर पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है। 17 जून से शुरू होने वाले इस अभियान का लक्ष्य 27 जून तक प्रसाद वितरण पूरा करना है, जिसे जरूरत पड़ने पर 4 जुलाई तक बढ़ाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस कदम को राजनीतिक विश्लेषक उनकी ‘अल्पसंख्यक तुष्टीकरण’ की छवि को बदलने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं, खासकर तब जब विपक्षी दल, विशेषकर भाजपा, उन्हें हिंदू विरोधी बताते रहे हैं। चुनाव भले ही दूर हों, लेकिन धार्मिक आस्था के नाम पर वोटरों को लुभाने की रणनीति साफ नजर आ रही है।