आज अयोध्या में स्थित राम मंदिर पर 10 फुट ऊँचे व 20 फुट लंबे तिकोने भगवा ध्वज का औपचारिक रूप से फहराया जाना ऐतिहासिक क्षण है। इस अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 बजकर 55 मिनट (अभिजीत मुहूर्त) पर ध्वज फहराया। साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे।
ध्वज पर एक चमकता सूरज अंकित है, जो भगवान राम की वीरता और प्रकाश का प्रतीक है। इसके साथ ही ध्वज पर ‘ॐ’ की छवि और कोविदार वृक्ष का चित्र भी है—जो इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक विशेषता को दर्शाते हैं।
भाषण और संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह धर्मध्वज आने वाली सदियों तक भगवान राम के आदर्शों और सिद्धांतों का उद्घोष करेगा, और यह सत्य की जीत तथा सर्वोच्च आचरण का प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा:
“आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और बिंदु की साक्षी बन रही है… संपूर्ण भारत और विश्व राममय है।”
इसी तरह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मंदिर को 140 करोड़ भारतीयों की आस्था, सम्मान और आत्म-गौरव का प्रतीक बताया।
सामाजिक-धार्मिक महत्व
यह कार्यक्रम सिर्फ एक समारोह नहीं — बल्कि एक सांस्कृतिक एवं धार्मिक पुनरुत्थान का प्रतीक भी माना जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इसे “ऐसा रथ” बताया जिसका “ध्वजा सत्य और सर्वोच्च आचरण हो” तथा “घोड़े बल, विवेक, संयम और परोपकार” हों। उन्होंने कहा कि ऐसे रथ से भारत की यात्रा को गति मिलेगी—वहीं, मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह ध्वज धर्म, मर्यादा, सत्य, न्याय और राष्ट्र-धर्म का प्रतीक है।

