प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गढ़वा की धरती से विपक्षी दलों जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्चा), कांग्रेस और आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) पर तीखा हमला बोला। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने परिवारवाद से लेकर भ्रष्टाचार तक के मुद्दों पर इन दलों की कड़ी आलोचना की। पीएम मोदी ने खासतौर से झारखंड के आदिवासी नेता चंपाई सोरेन के मामले का जिक्र किया और जेएमएम पर आदिवासी समाज का अपमान करने का आरोप लगाया।
चंपाई सोरेन के अपमान का मुद्दा
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चंपाई सोरेन के साथ अन्याय किया और एक आदिवासी नेता को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने यह सवाल उठाया कि चंपाई सोरेन जैसे आदिवासी बेटे के साथ इन लोगों ने क्या किया? मोदी ने कहा कि यह सरकार आदिवासियों की नहीं, बल्कि परिवारवाद की सरकार है, जहां सत्ता को एक परिवार के नियंत्रण में रखने की साजिश रची जाती है।
परिवारवाद पर मोदी का हमला
प्रधानमंत्री ने परिवारवाद के मुद्दे पर जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “इन दलों के लिए परिवार ही सबकुछ है, उनके लिए जनता और झारखंड की परवाह कोई मायने नहीं रखती।” पीएम मोदी ने जनता से अपील की कि वे ऐसे परिवारवादी दलों को सबक सिखाएं, जो सत्ता को केवल अपने परिवार के पास बनाए रखना चाहते हैं। मोदी ने परिवारवाद को झारखंड का सबसे बड़ा दुश्मन बताया और कहा कि ये तीनों दल (जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी) सत्ता को अपनी विरासत मानते हैं और उसे किसी और के साथ साझा करने के लिए तैयार नहीं हैं।
इंडिया गठबंधन पर भ्रष्टाचार का आरोप
पीएम मोदी ने अपने भाषण में इंडिया गठबंधन, जिसमें जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी शामिल हैं, पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि झारखंड में पिछले पांच वर्षों में इन दलों की सरकार ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। “मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों, विधायकों और सांसदों तक, शायद ही कोई ऐसा हो जिस पर भ्रष्टाचार के आरोप न लगे हों,” पीएम मोदी ने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इन दलों के नेताओं का मुख्य उद्देश्य केवल अपनी जेबें भरना और राज्य के संसाधनों का दुरुपयोग करना रहा है।
प्रधानमंत्री का यह भाषण चुनावी माहौल में विपक्षी दलों पर सीधा हमला था, जिसमें उन्होंने अपने विकास के एजेंडे के साथ जनता से भाजपा का समर्थन करने की अपील की।