प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुयाना की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद स्वदेश के लिए रवाना हो गए हैं। यह यात्रा उनकी पांच दिवसीय, तीन देशों की महत्वपूर्ण विदेश यात्रा का अंतिम चरण थी। इस यात्रा के दौरान उन्होंने नाइजीरिया, ब्राजील और गुयाना में कई उच्चस्तरीय बैठकों और सम्मेलनों में भाग लिया।
गुयाना यात्रा: कैरेबियाई देशों से मजबूत रिश्तों की ओर
गुयाना की यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की। कैरेबियाई देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने के उद्देश्य से यह बैठक ऐतिहासिक रही। उन्हें गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली ने देश के सर्वोच्च पुरस्कार ‘द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस’ से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने गुयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए आपसी सहयोग और विकास पर जोर दिया।
ब्राजील में जी20 शिखर सम्मेलन
गुयाना से पहले, प्रधानमंत्री ने ब्राजील में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया। यहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर सहित कई वैश्विक नेताओं के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने भारत की विकास नीतियों और वैश्विक मुद्दों पर भारत की भूमिका को रेखांकित किया।
नाइजीरिया की ऐतिहासिक यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा की शुरुआत नाइजीरिया से हुई, जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 17 वर्षों में पश्चिम अफ्रीका की पहली यात्रा थी। यहां उन्होंने नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनुबू के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और भारतीय समुदाय से मुलाकात की। नाइजीरिया सरकार ने उन्हें अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार ‘ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ़ द नाइजर (जीसीओएन)’ से सम्मानित किया, जो इस देश का विशेष सम्मान है।
यात्रा का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा ने भारत के वैश्विक प्रभाव को और सशक्त किया। तीन देशों के साथ आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों को नई ऊर्जा मिली। भारत-कैरिकॉम देशों के बीच सहयोग बढ़ाने, अफ्रीकी देशों से