पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई 2025 को बिहार को रेलवे क्षेत्र में कई बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। उनके कर-कमलों से हार्डिंग पार्क टर्मिनल प्लेटफॉर्म की आधारशिला रखी जाएगी, जबकि सोन नगर से मोहम्मदगंज के बीच तीसरी रेल लाइन और सासाराम से अनुग्रह नारायण रोड के बीच ऑटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली को राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।
पटना के हार्डिंग पार्क में बनने वाला नया टर्मिनल प्लेटफॉर्म शहर के बढ़ते रेल यातायात को संभालने में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस स्टेशन पर पांच आधुनिक प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएंगे, जिससे पटना जंक्शन पर यात्रियों की भीड़ में कमी आएगी। करीब 95 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से ट्रेनों के परिचालन में तेजी आएगी और यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। स्टेशन से बाहर निकलते ही यात्रियों को सीधे सड़क मार्ग से जुड़ाव मिलेगा, जिससे शहर के जाम से राहत और पटना शहर में आने-जाने की सुविधा आसान हो जाएगी।
इस नई व्यवस्था से भविष्य में मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन भी इस टर्मिनल से संभव होगा, जिससे मुख्य पटना जंक्शन पर ट्रैफिक दबाव काफी हद तक कम होगा। स्टेशन को मेट्रो, सड़क मार्ग और नवविकसित मल्टीमॉडल हब से सीधे जोड़ा जाएगा, जिससे यात्री सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिलेगा।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री सोन नगर से मोहम्मदगंज के बीच तीसरी रेल लाइन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह रेलखंड पूर्व मध्य रेलवे के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम है। नई लाइन से अंकोरा और नबीनगर स्थित थर्मल पावर प्लांट्स तक कोयले की आपूर्ति तेज और सुलभ हो सकेगी। यह डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) के लिए फीडर रूट की भूमिका भी निभाता है, जिससे औद्योगिक परिवहन जैसे लौह अयस्क, सीमेंट, उर्वरक और चीनी का सुचारू रूप से संचालन संभव होगा।
यह तीसरी लाइन मालगाड़ियों की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने में सक्षम होगी और यात्री ट्रेनों के संचालन में भी बाधाएं कम होंगी। इससे रेलवे नेटवर्क की क्षमता में इजाफा होगा और आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा।
इसी क्रम में प्रधानमंत्री सासाराम से अनुग्रह नारायण रोड तक 25 किलोमीटर लंबे रेलखंड में ऑटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस पर 43 करोड़ रुपये की लागत आई है। यह नई दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेलमार्ग का अहम हिस्सा है और इस पर ऑटोमेटिक सिग्नलिंग से ट्रेनों की गति बढ़ेगी, जिससे यात्रा समय में कमी आएगी। साथ ही मौजूदा लाइन पर अधिक ट्रेनों का परिचालन संभव हो पाएगा।