मिरर डेस्क/ रांची: पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुवर दास ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर पेसा (पंचायत उपबंध विस्तार अनुसूचित क्षेत्र अधिनियम) कानून को लागू न करने का गंभीर आरोप लगाया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रघुवर दास ने कहा कि राज्य सरकार विदेशी धर्म मानने वालों के दबाव में पेसा कानून को लागू नहीं कर रही, जिससे आदिवासी सरना समाज को उनका हक नहीं मिल रहा।
उन्होंने कहा कि पेसा कानून का प्रारूप तैयार होने के बावजूद इसे लागू करने में देरी की जा रही है। रघुवर दास ने आरोप लगाया कि पारंपरिक ग्राम प्रधानों की स्वशासन व्यवस्था में भूमिका को विदेशी धर्म के दबाव में रोका जा रहा है।
उन्होंने दावा किया कि धर्मांतरण का खेल बंद होने के डर से सरकार इस कानून को लागू करने से कतरा रही है।रघुवर दास ने आगे कहा कि झारखंड के पांच जिलों के 113 प्रखंडों में आदिवासी समाज की स्वशासन व्यवस्था को लागू करने में हेमंत सोरेन सरकार डर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कानून का प्रारूप तैयार है, तो इसे लागू करने में देरी क्यों हो रही है? यह बयान झारखंड की सियासत में नया विवाद खड़ा कर सकता है, क्योंकि पेसा कानून आदिवासी समुदाय के स्वशासन और उनकी सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने में महत्वपूर्ण माना जाता है।