डिजिटल डेस्क/रांची : प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार सुबह झारखंड के रांची में चार्टर्ड अकाउंटेंट नरेश कुमार केजरीवाल, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत बड़ी कार्रवाई शुरू की है। यह राज्य में FEMA उल्लंघन के आरोप में ED की अब तक की सबसे प्रमुख छापेमारी है, जिसमें अवैध विदेशी फंड ट्रांसफर और हवाला नेटवर्क के संदेह पर फोकस किया गया है।
ED की टीमें सुबह करीब 6 बजे से रांची, मुंबई और सूरत में कुल 15 स्थानों पर एक साथ दबिश दे रही हैं। रांची में केजरीवाल का चर्च कॉम्प्लेक्स स्थित कार्यालय, उनका निजी आवास और अन्य संपत्तियां छापेमारी के दायरे में शामिल हैं। मुंबई और सूरत में उनके सहयोगियों और परिवार से जुड़े ठिकानों पर भी तलाशी ली जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, केजरीवाल को ‘संदिग्ध हवाला ऑपरेटर’ के रूप में चिह्नित किया गया है, जो दुबई, अमेरिका और अन्य देशों में अवैध धन हस्तांतरण में शामिल होने का आरोप झेल रहे हैं।
आयकर छापे से खुले विदेशी निवेश के राज
यह कार्रवाई आयकर विभाग की पूर्व छापेमारियों से प्राप्त दस्तावेजों और सबूतों पर आधारित है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि नरेश केजरीवाल ने दुबई, अमेरिका समेत कई देशों में भारी-भरकम धन निवेश किया, जो FEMA नियमों का स्पष्ट उल्लंघन प्रतीत होता है। ED का आरोप है कि ये निवेश भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की अनुमति के बिना या गलत तरीकों से किए गए, जिसमें हवाला रूट्स का इस्तेमाल शामिल हो सकता है। अनुमानित आंकड़ों के अनुसार, करोड़ों रुपये की विदेशी संपत्तियां और लेन-देन संदिग्ध पाए गए हैं।
यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के बजाय FEMA के प्रावधानों के तहत चलाया जा रहा है, जो विदेशी मुद्रा लेन-देन में अनियमितताओं पर केंद्रित है। ED अधिकारियों के अनुसार, जांच में केजरीवाल की विदेशी कंपनियों में USD 5 मिलियन से अधिक की रकम ट्रांसफर की पुष्टि हुई है, जो बिना उचित दस्तावेजीकरण के की गई।
पूछताछ में नए खुलासे की उम्मीद
छापेमारी मंगलवार दोपहर तक जारी रही, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल उपकरण (लैपटॉप, मोबाइल), बैंक स्टेटमेंट और संदिग्ध लेन-देन के रिकॉर्ड जब्त किए गए। केजरीवाल और उनके परिजनों से ED की टीमें स्थानीय स्तर पर पूछताछ कर रही हैं। जांच एजेंसी ने संकेत दिया है कि आगे पूछताछ के लिए केजरीवाल को ED मुख्यालय बुलाया जा सकता है।
यह कार्रवाई झारखंड में ED की बढ़ती सक्रियता का हिस्सा है, जहां हाल ही में कोयला घोटाले और अन्य वित्तीय अनियमितताओं पर कई छापे हो चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले से राज्य स्तर पर विदेशी निवेश की निगरानी मजबूत हो सकती है। फिलहाल, नरेश केजरीवाल या उनके प्रतिनिधियों की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

