डिजिटल डेस्क/कोलकाता: बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने राजभवन का नाम बदलकर ‘लोक भवन’ करने के फैसले की कुछ राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही आलोचनाओं पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राज्यपाल ने अपने निर्णय को सही ठहराते हुए स्पष्ट कहा कि लोकतंत्र में लोग ही सबसे ऊपर होते हैं, और कोई भी राजनीतिक दल लोगों से ऊपर नहीं है। उन्होंने नाम बदलने के फैसले को वापस लेने की मांग को सिरे से खारिज कर दिया।
राज्यपाल बोस ने कहा कि राजभवन का नाम बदलकर लोक भवन करने की पहल सबसे पहले बंगाल से हुई है। उन्होंने बताया कि उन्होंने नवंबर 2022 में राज्यपाल का कार्यभार संभालने के कुछ माह बाद ही राजभवन को जन राजभवन में तब्दील कर दिया था। राजभवन के एक अधिकारी ने कहा कि बंगाल की पहल अब एक राष्ट्रीय मॉडल बन गई है।
बताते चलें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते 25 नवंबर को एक अधिसूचना जारी कर देश के सभी राजभवनों का नाम बदलकर लोक भवन करने का निर्देश दिया था। केंद्र के इस निर्देश पर सबसे पहले अमल करते हुए राज्यपाल बोस ने कोलकाता राजभवन का नाम बदलकर लोक भवन कर दिया। पिछले साल दिल्ली में राज्यपालों के सम्मेलन में बोस ने ही राजभवन का नाम लोक भवन करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे केंद्र ने स्वीकार करते हुए अब सभी राजभवनों का नाम लोक भवन करने का निर्देश दिया है।

