झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे के बीच भाषा विवाद को लेकर जुबानी जंग लगातार तेज होती जा रही है। मराठी न बोलने पर व्यापारियों के साथ मारपीट की घटनाओं ने इस विवाद को सियासी रंग दे दिया है। अब दोनों ओर से एक-दूसरे पर तीखे आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं।
महाराष्ट्र में हाल ही में मराठी न बोलने वाले व्यापारियों के साथ मारपीट की घटनाएं सामने आई थीं। इसी मुद्दे पर राज ठाकरे ने कहा था-
“बेवजह मत मारो, लेकिन अगर कोई ज्यादा नाटक करता है तो उसके कान के नीचे बजा दो। हां, अगली बार जब किसी को पीटो तो उसका वीडियो मत बनाओ।”
राज ठाकरे के इस बयान के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने तीखी प्रतिक्रिया दी। गुवाहाटी में एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में दुबे ने कहा-
“अगर आप इतने बड़े बॉस हो तो महाराष्ट्र से बाहर निकल कर बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु में आओ। पटक पटक कर मारा जाएगा।”
यही नहीं, निशिकांत दुबे ने ठाकरे बंधुओं को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो बिहार आकर दिखाएं।
राज ठाकरे ने भी निशिकांत दुबे के बयान का जवाब मुंबई से दिया। उन्होंने कहा-
“एक बीजेपी सांसद ने कहा कि ‘मराठी लोगों को हम यहां पटक पटक के मारेंगे’। अरे तुम मुंबई आओ, मुंबई के समंदर में डुबो-डुबो के मारेंगे।”
‘हमारे पैसे से जी रहे हो’ – निशिकांत दुबे
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा-
“आप लोग हमारे पैसे से जी रहे हैं। टाटा-बिरला, रिलायंस जैसी कंपनियों की पहली यूनिट महाराष्ट्र में नहीं, बिहार में लगी थी। माइनिंग हमारे पास है- झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में। आपके पास क्या है? हिम्मत है तो उर्दू, तमिल, तेलुगु बोलने वालों को भी मारो।”
दुबे ने कहा कि वे मराठी भाषा और मराठी संस्कृति का सम्मान करते हैं।
“हम छत्रपति शाहूजी और शिवाजी महाराज का सम्मान करते हैं। लेकिन आप लाडशाही दिखा रहे हैं। रिफाइनरी रिलायंस ने गुजरात में लगाई, सेमीकंडक्टर फैक्ट्री भी वहीं जा रही है। आपके पास कौनसी इंडस्ट्री है?”
‘मराठी बनाम उत्तर भारतीय’ की सियासत तेज
भाषा विवाद अब ‘मराठी बनाम उत्तर भारतीय’ की सियासत में तब्दील हो चुका है। एक ओर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे हिंदी भाषियों पर हमलावर हैं, वहीं बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी आक्रामक रुख अपना लिया है।
महाराष्ट्र में इस तरह की घटनाओं को लेकर उत्तर भारतीयों में गुस्सा है। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश से जुड़े लोग सोशल मीडिया पर भी लगातार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
फिलहाल दोनों पक्षों के बीच बयानबाजी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाषा की राजनीति अब पूरे देश में बहस का मुद्दा बन चुकी है।