जमशेदपुर : भाई और बहन के अनूठे संबंध को और गहरा करने का पर्व है रक्षाबंधन, जिस दिन का इंतजार सभी बहनों को रहता है। ससुराल जा चुकी बहना के पास भी अपने मायके आकर परिजनों से मिलने का एक मौका मिलता होता है और उस अवसर को गंवाए बिना सीधे या तो बहना चली आती हैं या फिर भाई चले आते हैं और मिलकर रक्षाबंधन का पर्व बड़े धूमधाम से मनाते हैं।

भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व पारंपरिक तरीके से उल्लास के साथ आज मनाया जा रहा है। हालांकि इस बार यह पर्व दो दिन मनाया जा रहा है। कुछ लोगों ने गुरूवार को राखी का पर्व मनाया तो कही-कही शुक्रवार को राखी मनाई जा रही है। रेशम की डोरी के धागे भले ही कच्चे हो लेकिन इसके पीछे का स्नेह अटूट और बेहद मजबूत होता है। बच्चों में भी इस पर्व को लेकर काफी उत्साह दिखा। छोटी-छोटी बच्चियों ने भी बड़े ही प्यार से राखी की स्नेह भरी डोर से अपने भाइयों की कलाई को सजाया।

बहन-भाई के प्यार के प्रतीक इस त्योहार को लेकर घर-घर में तैयारियां की गई थी। सुबह लोगें ने स्नान कर देवी देवताओं की पूजा अर्चना किया। इसके बाद बहनों ने आरती सजाकर माथे पर अक्षत, रोली का टीका लगाकर आरती उतारी और भाई के हाथ को राखी से दमका दिया।

वही भाई को अपने हाथ से मिठाई खिलाकर उनके आने वाले दिनों में मिठास भर दी, तो भाई भी उन्हें गिफ्ट देकर या फिर रुपए थमाकर उनके रक्षा का वचन भी दिया।