नई दिल्ली: राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी और पूर्व एमएलसी कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार थे और दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। अगस्त 2024 में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उनके निधन की खबर से समर्थकों और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों में शोक की लहर है।
राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका
बिहार के सुपौल जिले के रहने वाले कामेश्वर चौपाल राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखी थी, जिसके कारण उन्हें “प्रथम कार सेवक” का दर्जा दिया गया। संघ और बीजेपी के लिए वे एक अहम व्यक्तित्व रहे।
राजनीतिक सफर
राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने के बाद बीजेपी ने उन्हें राजनीति में उतारा। 1991 में उन्होंने रामविलास पासवान के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। 1995 में वे बेगूसराय की बखरी विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़े, मगर सफल नहीं हो सके। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें सुपौल से मैदान में उतारा, जहां वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
राम मंदिर ट्रस्ट में मिली थी जगह
फरवरी 2020 में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित किया गया, जिसमें बिहार से कामेश्वर चौपाल को भी शामिल किया गया। उन्होंने खुद बताया था कि उन्हें पहले से पता था कि शिलान्यास के लिए किसी दलित को चुना गया है, लेकिन यह सौभाग्य उन्हें मिलेगा, इसकी जानकारी नहीं थी।
उनके निधन पर कई राजनेताओं और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।